Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने सबको हैरानी में डाल दिया। शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, जो कभी बीजेपी से गहरे मतभेद रखते थे, अपने हाथों में फूलों का गुलदस्ता लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे। यह मुलाकात न केवल एक औपचारिक शिष्टाचार लग रही थी, बल्कि इसमें एक नई राजनीतिक शुरुआत की संभावना भी झलक रही थी।
क्या बर्फ पिघलने लगी है?
पिछले पांच वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में काफी बदलाव आए। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद, उद्धव ठाकरे और बीजेपी के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। उस समय शिवसेना ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाविकास आघाड़ी (MVA) का गठन किया था। लेकिन मंगलवार को उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या दोनों दलों के बीच एक बार फिर नजदीकियां बढ़ने की संभावना है।
उद्धव और फडणवीस का अतीत
पांच साल पहले जब देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे से संपर्क करने की कोशिश की थी, तो उन्हें मातोश्री के दरवाजे बंद मिले थे। फडणवीस ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने उद्धव से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। यह घटनाक्रम दोनों नेताओं के बीच बढ़ते मतभेदों का प्रतीक बन गया। लेकिन अब तस्वीर बिल्कुल अलग दिख रही है।
क्या कहती हैं तस्वीरें?
उद्धव ठाकरे की ओर से भेंट किए गए गुलदस्ते को फडणवीस ने बड़ी गर्मजोशी से स्वीकार किया। तस्वीरों में यह साफ झलक रहा था कि दोनों नेता एक नई शुरुआत करने की ओर देख रहे हैं। मुलाकात के बाद उद्धव के बेटे, आदित्य ठाकरे ने भी इसे सकारात्मक संकेत बताया। आदित्य ने कहा, “महाराष्ट्र के हित के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करने की परिपक्वता दिखानी चाहिए।”
साथ गए प्रमुख नेता
इस मुलाकात में उद्धव ठाकरे अकेले नहीं गए थे। उनके साथ कई शिवसेना (UBT) के बड़े नेता मौजूद थे, जिनमें आदित्य ठाकरे, अंबादास दानवे, अनिल परब और भास्कर जाधव जैसे विधायक शामिल थे। यह समूह इस मुलाकात को केवल एक शिष्टाचार मुलाकात से अधिक महत्व देता दिखा।
क्या है ‘लाडकी बहिन योजना’ पर ठाकरे की मांग?
मुलाकात के दौरान उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार से एक पुरानी योजना को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया गया था कि ‘लाडकी बहिन योजना’ के तहत महिलाओं को प्रति माह 2,100 रुपये दिए जाएंगे। ठाकरे ने इसे जल्द लागू करने की अपील की।
राजनीतिक संकेत और आगे की संभावनाएं
राजनीति में स्थायी दुश्मन नहीं होते, यह मुलाकात उसी कहावत की ओर इशारा करती है। शिवसेना (UBT) और बीजेपी के बीच मतभेद चाहे जितने गहरे रहे हों, लेकिन महाराष्ट्र की बदलती राजनीति में इन दोनों दलों के बीच निकटता का नया अध्याय शुरू हो सकता है।
हालांकि, महाविकास आघाड़ी के भीतर इस मुलाकात को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने इस मुलाकात को तटस्थ दृष्टिकोण से देखा और कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।
क्या उद्धव की ‘घर वापसी’ होगी?
यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति में गहराई से चर्चा का विषय बन गया है। क्या उद्धव ठाकरे शिवसेना के पुराने रूप को फिर से हासिल करने के लिए बीजेपी के करीब आ रहे हैं? या यह मुलाकात महज औपचारिकता थी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे।
#MaharashtraPolitics #UddhavFadnavisMeet #ShivSenaUpdate #MVAAlliance #PoliticalShakeUp
ये भी पढ़ें: Amit Shah Speech: चश्मा अगर विदेशी है तो संविधान में भारतीयता नहीं दिखेगी… संसद में अमित शाह ने विपक्ष को धो डाला!