Amit Shah Speech:संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और विपक्ष पर जमकर हमला बोला। शाह ने कांग्रेस के संविधान संशोधनों को लोकतंत्र के खिलाफ करार देते हुए, बीजेपी की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान लहराने से मुद्दे हल नहीं होते, बल्कि विश्वास और काम करने की प्रतिबद्धता ज़रूरी है।
कांग्रेस के संशोधनों पर अमित शाह का हमला
अमित शाह ने कांग्रेस द्वारा किए गए चार प्रमुख संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा कि ये केवल सत्ता में बने रहने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने के लिए किए गए थे। 1951 का पहला संशोधन, जिसमें “अभिव्यक्ति की आजादी” (freedom of speech) को सीमित किया गया, इसका उदाहरण है। शाह ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल का भी जिक्र किया, जब 1975 में आपातकाल के दौरान संविधान में बदलाव कर प्रधानमंत्री पद की न्यायिक जांच पर रोक लगा दी गई थी।
शाह ने 24वें और 39वें संशोधनों का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए नागरिक अधिकारों को बाधित किया। उन्होंने कहा, “यह संविधान के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।”
बीजेपी के संविधान संशोधन: लोक कल्याण के लिए प्रयास
अमित शाह ने कांग्रेस की आलोचना के बाद बीजेपी के चार प्रमुख संशोधनों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये सभी देश और जनता के हित में किए गए। इनमें “GST संशोधन” (one tax for one nation) को सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया गया। शाह ने बताया कि यह देशभर में व्यापारिक एकता लाने का काम करता है।
बीजेपी का दूसरा बड़ा संशोधन था, पिछड़ी जातियों (OBC) को संवैधानिक दर्जा देने के लिए। तीसरा संशोधन गरीबों को 10% आरक्षण प्रदान करने का था। वहीं चौथा संशोधन महिलाओं को 33% आरक्षण देने वाले “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” के रूप में सामने आया। शाह ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर करार दिया।
धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध
अमित शाह ने धर्म के आधार पर आरक्षण को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह मुस्लिम आरक्षण का समर्थन कर देश को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दो राज्यों में मुस्लिमों को आरक्षण देने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी कभी भी ऐसा नहीं होने देगी।
संविधान की गलत व्याख्या का आरोप
शाह ने कांग्रेस पर संविधान की गलत व्याख्या कर चुनाव जीतने के प्रयास का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान को परिवार की जागीर मानती है और आपातकाल के दौरान लाखों लोगों को जेल में डालकर लोकतंत्र की हत्या की।
मुस्लिम पर्सनल लॉ और ट्रिपल तलाक पर तंज
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम पर्सनल लॉ लाकर तुष्टिकरण की शुरुआत की, जबकि बीजेपी ने ट्रिपल तलाक को खत्म कर मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की।
बीजेपी की प्राथमिकताएं
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी ने संविधान को सही मायनों में लागू करने और जनता के हित में सुधार करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल पिछड़ी जातियों के अधिकार सुनिश्चित किए, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए।
राज्यसभा में कांग्रेस का विरोध
शाह के भाषण के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कई बार विरोध जताया, लेकिन शाह ने तीखे लहजे में जवाब देते हुए कहा, “जब आपने किया है, तो सुनना भी पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी जनता के अधिकारों को महत्व नहीं दिया और बस परिवारवाद को बढ़ावा दिया।
राजनीतिक संकेत और बीजेपी की योजना
अमित शाह का यह बयान केवल कांग्रेस की आलोचना तक सीमित नहीं था। यह बीजेपी की आगामी योजनाओं और प्राथमिकताओं का भी संकेत देता है। शाह ने अपने भाषण के अंत में कहा कि बीजेपी का हर कदम संविधान के प्रति समर्पण और जनता की भलाई के लिए है।
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