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चिराग पासवान के बयान ने बिहार की राजनीति में मचाई हलचल, जानें ऐसा क्या बोले केंद्रीय मंत्री

चिराग पासवान
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केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बिहार की राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वो ज्यादा समय तक केंद्रीय राजनीति में नहीं रहना चाहते और उनका दिल बिहार के लिए धड़कता है। ये बयान बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आया है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।

‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा
चिराग पासवान लंबे समय से ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा बुलंद करते रहे हैं। उन्होंने अपने हालिया बयान में कहा, “मेरा प्रदेश मुझे बुला रहा है। मेरे पिता केंद्र की राजनीति में ज्यादा सक्रिय थे, लेकिन मेरी प्राथमिकता बिहार है।” ये बयान उनके बिहार के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। चिराग ने 2013 में राजनीति में कदम रखते समय इस नारे को अपनाया था और तब से वो बिहार के युवाओं और शिक्षकों के साथ लगातार संवाद करते रहे हैं।

क्या है बिहार विधानसभा में नई भूमिका?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान का ये बयान उनकी बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका की इच्छा को दर्शाता है। वो हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों का दौरा कर रहे हैं और ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ अभियान को और मजबूत कर रहे हैं। लोजपा (रामविलास) के कार्यकर्ता भी लगातार मांग कर रहे हैं कि चिराग बिहार में और सक्रिय हों। उनकी सभाओं में युवाओं की भारी भीड़ इस बात का सबूत है कि उनका प्रभाव बढ़ रहा है।

चिराग पासवान का सियासी सफर
चिराग पासवान ने 2013 में राजनीति में प्रवेश किया था। तब से वो बिहार के मुद्दों, खासकर युवाओं और शिक्षा से जुड़े मामलों को उठाते रहे हैं। पटना में शिक्षकों और युवाओं के साथ उनकी मुलाकातें और उनके अभियान ने उन्हें बिहार में एक मजबूत आधार दिया है। अब उनके इस बयान ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतरेंगे या किसी अन्य बड़ी भूमिका में नजर आएंगे?

सियासी मायने और भविष्य की संभावनाएं
चिराग पासवान के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि वो बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा ला सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही उनके इस बयान ने विपक्षी दलों को भी सतर्क कर दिया है। क्या चिराग पासवान बिहार की सियासत में नया इतिहास रचेंगे? ये सवाल हर किसी के मन में है।

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