अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। प्रोफेसर नईमा खातून को AMU की नई वाइस-चांसलर (VC) नियुक्त किया गया है, जो इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के 100 साल से अधिक के इतिहास में पहली महिला VC हैं।
AMU भारत के सबसे पुराने और सम्मानित विश्वविद्यालयों में से एक है। प्रोफेसर नईमा खातून से पहले, बेगम सुल्ताना जहां AMU की एकमात्र महिला वाइस-चांसलर रह चुकी हैं। लेकिन अभ प्रोफेसर नईमा की नियुक्ति के साथ, AMU अब जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के बाद तीसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया है जिसकी पहली महिला VC हैं।
प्रोफेसर नईमा खातून ने साइकोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है और अगस्त 1988 में एक लेक्चरर के रूप में AMU में शामिल हुईं। उन्होंने विश्वविद्यालय में कई अहम शैक्षणिक पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं और जुलाई 2014 में वो AMU के विमेन्स कॉलेज की प्रिंसिपल बनी थीं। राजनीतिक मनोविज्ञान में विशेषज्ञ, प्रोफेसर खातून ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और दुनिया भर के संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने 6 किताबें लिखी हैं और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके कई शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी देखरेख में पंद्रह से अधिक पीएचडी थीसिस और अनगिनत शोध प्रबंध सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रोफेसर नईमा खातून की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी उपलब्धियां और अनुभव इस बात का प्रमाण हैं कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं।
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