Art Of Ignorance: आर्ट ऑफ़ इग्नोरेंस बेसिक रूप से यह जानना है और विभाजित करना है कि क्या अनदेखा करना है और क्या अनदेखा नहीं करना है. हमारी इस व्यस्त दुनिया में हम रोजाना कितने लोगों से टकराते हैं, अब ऐसे में आप हर किसी की बातों को दिल से नहीं लगा सकते हैंऔर ना ही इस बात से परेशान हो सकते हैं कि हर व्यक्ति आपके बारे में क्या सोचता है? क्योंकि यदि आप अपने बारे में प्रत्येक व्यक्ति की राय सुनना शुरू कर देंगे, तो आप अपने खुद के दिमाग का सत्यानाश कर देंगे ,या पागल हो जाएंगे, इसलिए हर किसी को ‘अनदेखा करने’ की यह कला सीखने की जरुरत है. अनावश्यक शोर, फालतू बातों को नजरअंदाज करना,ध्यान भटकाने वाली नेगेटिव बातों को नजरअंदाज करना, नजरअंदाज करना उन लोगों को जो आपकी तरक्की से जले,नजरअंदाज करना सच में एक कला है,लेकिन कोई भी कला रातों-रात नहीं सीखी जा सकती है. इसे पहले समझना पड़ता है, अहम बातों का पालन करना पड़ता है और अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में लागू करना पड़ता है.तो चलिए जानते है इस कला के बारे में हमारे इस बार के लाइफस्टाइल सेक्शन में.
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों के विचार
“बुद्धिमान होने की कला यह जानने की कला है कि क्या अनदेखा करना है.”
– William James
डॉक्टरों की राय
अनावश्यक बातो में मन लगाने से कई लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कई मनोचिकित्सक (physiatrist) के अनुसार “अपनी मानसिक स्थिति को अच्छा बनाए रखने के लिए आपको उन चीज़ों को फ़िल्टर करने की ज़रूरत है जो आप सुनते हैं, मनोचिकित्सक अपने क्लाइंट्स को यह सुझाव देते हैं कि उनके लिए क्या सुनना अच्छा और फायदेमंद है और क्या उनके लिए फायदेमंद नहीं है.
जब एक व्यक्ति नेगेटिव सुनता है और नकारात्मक माहौल में रहता है जहां उसे प्रेरित नहीं किया जता और हर बात के लिए दोषी ठहराया जाता है, उसके हर काम को गलत ठहराया जाता है, ऐसे में वह व्यक्ति का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है, शारीरिक और मानसिक दोनों रूप रूप से.
इसलिए नज़रअंदाज़ करना एक महत्वपूर्ण कला है, अब आप जानते हैं नज़र अंदाज़ करना कितना आवशयक है तो आइये हम आपको बताते हैं कि कैसे और क्या अनदेखा करना चाइये.
नज़रअंदाज करने की कला
- शोर, फालतू चीज़ें, ध्यान भटकाने वाली बातें, नेगेटिव वातावरण ,नेगेटिव लोग और अन्य बेवजह की बातों- को नज़रअंदाज़ करके हम उन चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं जिनसे हम प्यार करते हैं और जो हमें मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से ऊपर उठाती है.
- अनदेखा करने की इस कला का अभ्यास करने और उसमें महारत हासिल करने के लिए – हमें ये समझना महत्वपूर्ण है कि, किसे और क्या अनदेखा करना है और किसे और किन्हें अनदेखा नहीं करना है- दोनों ही बातें समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.
- जब हम नज़रअंदाज़ करना सीख जाते हैं, तो हम आसानी से क्रोधित नहीं होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हम कठिन परिस्थिति में भी शांत रहते हैं. फिर चाहे लोग कितनी भी कोशिश कर लें, आप अपने काम से काम रखना सीख लें, और जीवन में आगे बढ़ते रहें.
- इसे इग्नोर करने का दुष्परिणाम यह है कि आप दुर्व्यवहार से भी बचते हैं जिसके परिणामस्वरूप यह दूसरे पक्ष को अपने गलत कार्यों को बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है.
- यह किसी को भी गलत तरीके से व्यवहार करने का अधिकार नहीं देता है, इसलिए किसी के भी गलत बर्ताव को बढ़ावा देने के बजाए उनके गलत कामो पर उन्हें टोकें.
- आपको यह सीखने की ज़रूरत है कि, जब आपके शुभचिंतक- गुस्सा दिखाते हैं या आपकी आलोचना करते हैं तब आपको उनकी बातो पर बिना आहत, दुखी या उदास हुए ध्यान देना चाहिए.
- इस तरह से नज़रअंदाज़ करें कि आप गलती से भी उन लोगों को चोट न पहुंचाएं जिनसे आप प्यार करते हैं, क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि आपकी वजह से किसी दूसरे को हानी पहुंचे .
- हर किसी को नहीं, बल्कि सही लोगों को नज़रअंदाज करना सीखें, क्योंकि भगवान कब किस रूप में आ जाएं किसे पता.
- किसी बात को या व्यक्ति को इग्नोर करना,विरोध या अपनी नाराजगी दिखाने के सबसे अच्छे और प्रभावी तरीकों में से एक है.
- नज़रअंदाज करना एक कला है, इसमें आपको पता होता है कि आप विषय को कहां तक और कब तक बर्दाश्त कर सकते हैं और कब और कहां आपको इसे अपने हिसाब से रोक के, आगे बढ़ना है.
- बहुत से लोग इग्नोरेंस का उपयोग नकारात्मक तरीके से करते हैं, ऐसे सिर्फ अपनी काम की बात को सुनते हैं और बाकि हर बात को पूरी तरह से इग्नोर करके, बच निकलते हैं.
- वहीं कुछ लोग सकारात्मकता तरीके से इग्नोरेंस का उपयोग करते हैं, ऐसे लोग आम तोर पर अनावश्यक झगड़ों, तर्क-वितर्क से बचने के लिए और अपने आप को चोट, नाराजगी और उदासी से बचाने के लिए इग्नोरेंस का प्रयोग करते है.
- दूसरा तरीका दूसरों द्वारा की गई ग़लतियों को नज़रअंदाज़ नहीं करता है – बल्कि झगड़े, लड़ाई या बहस में पड़ने के बजाय – हम बस उनकी कही गई बातों को नज़रअंदाज करना चुनते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ते रहते हैं.
- अनदेखा करना स्वाभिक रूप से बहुत मुश्किल काम होता है ,क्यूंकि नार्मल इंसानी जज्बात को दबा के आपको अपना गुस्से का घुट पीना होता है.
- लेकिन अगर आपने जीवन में उतार-चढ़ाव दोनों का अनुभव किया है – तो आप पाएंगे कि – लंबे समय में हम जिन चीजों के लिए शांति खो देते हैं, साथ ही लड़ाई-झगड़े भी करते हैं – वे वास्तव में आनंद, संतुष्टि और खुशी पैदा नहीं करते हैं.
लेकिन जब हम इग्नोरेंस के बारे में बात करते हैं तो हमारा मतलब ये नहीं है कि आप हर चीज को नजरअंदाज करने लगें.असली समझदारी यह जानने में निहित है कि क्या नजरअंदाज करना है और क्या नजरअंदाज नहीं करना है. माना इग्नोरेंस के कई फायदे होते हैं, लेकिन आप यह कला सीख के ये उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि आपकी जीवन की गाड़ी पटरी पर आ जायगी, क्योंकि पटरी पर लाने के लिए आपको यह गहराई से समझना होगा कि किन चीजों और लोगों पर पर्याप्त ध्यान देना आपके लिए महत्वपूर्ण है और किन पर नहीं.
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