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Badlapur: अब ‘जामुनी शहर’ के नाम से जाना जाएगा बदलापुर, इस वजह से मिला ये नाम

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Badlapur: महाराष्ट्र के बदलापुर शहर को अब आप बदलापुर ही नहीं, बल्कि जामुनी शहर के नाम से भी जानेंगे. दरअसल बदलापुर में उत्पादित जामुन को कृषि उत्पादन में भौगोलिक सूचकांक प्राप्त हुआ है. अब इस बात से तो आप वाकिफ होंगे ही, कि बदलापुर में भारी मात्रा में जामुन का उत्पादन किया जाता है, वो भी अन्य जगहों के जामुन की तुलना में ज्यादा बड़े और ज्यादा पौष्टिक. तो इसे जामुन का नाम तो पड़ना ही चाहिए था.

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह के फलों की खेती होती है, जिसमें संतरा, अंगूर, केला जैसे फलों के नाम शामिल हैं. इन फलों की खेती इतनी ज्यादा मात्रा में होती है कि उन जगहों को इन फलों के नामों से भी जाना जाता है. जैसे नासिक को अंगूर, कोंकण को आम और नागपुर को संतरे के नाम से जानते हैं. तो अब आप बदलापुर (Badlapur) को जामुन के नाम से जानेंगे, लेकिन यहां खास बात ये है कि बदलापुर को अब जामुनी शहर का नाम भी दे दिया गया है. यानी कि अब आप बदलापुर को जामुनी शहर कहकर भी संबोधित कर सकते हैं.

इस वजह से बदलापुर को मिला जामुनी शहर का नाम

जामुन के स्वाद की बात करें तो ये फल खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ काफी पौष्टिक भी होता है, जिसकी वजह से बाजारों में इसकी डिंमांड काफी ज्यादा होती है. बदलापुर में उत्पादित होने वाले जामुन मुंबई उपनगरों के अलावा भी कई शहरों में फेमस है. यही वजह है कि बदलापुर में जामुन को भौगोलिक वर्गीकरण मिला है. देश को मिली आजादी के बाद ये पहली बार है, जब ठाणे जिले को भौगोलिक वर्गीकरण प्राप्त हुआ है.

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सबसे ज्यादा पौष्टिक है बदलापुर का जामुन

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एक रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि बदलापुर (Badlapur) में जिस जामुन का उत्पादन किया जाता है, वो कई औषधीय गुणों से भरपूर है. यहां के जामुन का साइज भी अन्य जामुनों की तुलना में बड़ा है. इन्हीं  सब कारणों से पिछले काफी समय से भौगोलिक वर्गीकरण प्राप्त करने की कोशिश की जा रही थी. अब जाकर ये कोशिश कामयाब हुई. चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री से इस खबर की जानकारी प्राप्त हुई है. अब सरकारी गजट में इसे दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है.

बता दें कि बदलापुर (Badlapur) शहर के करीब 20 गांवों में 1200 पेड़ों का पता लगाकर उसके डेटा को इकट्ठा किया गया है. अब बदलापुर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जिसे भौगोलिक पदनाम प्राप्त हुआ है.

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