महाराष्ट्र

Beed Sarpanch Murder Case: वाल्मिक कराड पर MCOCA लगा, विरोध के बीच नई जानकारी आई सामने

Beed Sarpanch Murder Case: वाल्मिक कराड पर MCOCA लगा, विरोध के बीच नई जानकारी आई सामने

Beed Sarpanch Murder Case: बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संजय देशमुख की हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति और कानून व्यवस्था को झकझोर दिया है। इस मामले ने मंगलवार को एक नया मोड़ तब लिया, जब विशेष जांच टीम (SIT) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) लगाया।

वाल्मिक कराड पहले ही बीड की एक पवनचक्की कंपनी से 2 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन अब उन्हें संजय देशमुख की हत्या के आरोप में भी फंसा दिया गया है, जिसने पूरे परली शहर में भारी विरोध-प्रदर्शन की स्थिति पैदा कर दी है।


MCOCA का मतलब और क्यों लगाया गया?

MCOCA, यानी “महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम”, एक ऐसा कानून है जो संगठित अपराधों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। यह कानून केवल उन मामलों में लगाया जाता है, जहां संगठित अपराध में किसी व्यक्ति की भूमिका साबित होती है।

SIT ने संजय देशमुख की हत्या में वाल्मिक कराड की कथित भूमिका को देखते हुए यह कदम उठाया। हालांकि, कराड के समर्थकों का दावा है कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।


Beed Sarpanch Murder Case: परली बंद और बढ़ता विरोध

वाल्मिक कराड के समर्थकों ने परली शहर में बंद का आह्वान किया, जिससे पूरा शहर ठप हो गया। मकर संक्रांति के दिन जहां दुकानदार व्यापार करने की उम्मीद कर रहे थे, वहीं प्रदर्शनकारियों ने उन्हें दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया। हालांकि, विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, केवल एक जगह टायर जलाने की घटना सामने आई।

वाल्मिक कराड पर लगे इन आरोपों ने धनंजय मुंडे और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार पर भी राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। विपक्ष और भाजपा के कुछ विधायकों ने भी मुंडे को मंत्रीमंडल से हटाने की मांग की है।


केस की वर्तमान स्थिति

वाल्मिक कराड को पहले ही उगाही मामले में केज की सत्र अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अब SIT ने हत्या के मामले में MCOCA लगाने के लिए अदालत में अर्जी दी है। कराड को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

इस बीच, कराड की मां परुबाई कराड ने अपने बेटे की रिहाई के लिए परली पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनशन पर बैठेंगी।


कृष्णा अंधाले: एक और आरोपी फरार

इस मामले में एक और मुख्य आरोपी कृष्णा अंधाले की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। अंधाले पहले से ही कई आपराधिक मामलों में वांछित है और बताया जाता है कि वह पिछले दो साल से फरार था। इस घटना के बाद उसने फिर से चर्चा में आकर पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है।


MCOCA लगाने के पीछे राजनीतिक दबाव?

महाराष्ट्र की राजनीति में यह मामला सरकार और विपक्ष दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। MCOCA लगाने के इस कदम को कुछ लोग सरकार द्वारा विरोध-प्रदर्शन को दबाने का प्रयास भी मान रहे हैं।

यह अब देखना होगा कि पुलिस और SIT के पास कराड के खिलाफ कितने ठोस सबूत हैं और क्या यह कदम केवल राजनीतिक दबाव के कारण उठाया गया है।


बीड सरपंच हत्या मामला (Beed Sarpanch Murder Case) केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल का प्रतीक बन गया है। वाल्मिक कराड पर लगाए गए MCOCA के आरोप ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है।

संजय देशमुख की हत्या के पीछे के कारण और इसमें शामिल सभी लोगों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए SIT की जांच बेहद अहम हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या-क्या खुलासे होते हैं।


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