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राज ठाकरे पर सुपारी हमला, उद्धव ठाकरे पर गोबर वार: महाराष्ट्र की राजनीति में मचा घमासान!

राज ठाकरे पर सुपारी हमला, उद्धव ठाकरे पर गोबर वार: महाराष्ट्र की राजनीति में मचा घमासान!
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर ठाकरे परिवार चर्चा में है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के काफिलों पर हुए हमलों ने तनाव बढ़ा दिया है। दोनों नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।

ठाकरे परिवार में बवाल: राज और उद्धव के बीच बढ़ा तनाव

महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों ठाकरे परिवार फिर से सुर्खियों में है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। यह सब 11 अगस्त, 2024 को शुरू हुआ, जब राज ठाकरे के काफिले पर बीड़ में हमला किया गया। इसके बाद 12 अगस्त को उद्धव ठाकरे के काफिले पर भी हमला हुआ। इन घटनाओं ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है।

पहला हमला राज ठाकरे पर हुआ। जब वे बीड़ से गुजर रहे थे, तब शिवसेना (UBT) के कुछ लोगों ने उन पर सुपारी और टमाटर फेंके। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार लोगों को पकड़ लिया। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका।

अगले दिन, उद्धव ठाकरे के काफिले पर ठाणे में हमला हुआ। इस बार MNS के कार्यकर्ताओं ने नारियल और गोबर फेंका। उनका कहना था कि यह राज ठाकरे पर हुए हमले का बदला था। इस घटना में 20 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

इन घटनाओं के बाद राज ठाकरे ने एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना (UBT) और NCP के नेता शरद पवार महाराष्ट्र में दंगे करवाना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके दौरे में कोई रुकावट आई, तो वे शिवसेना (UBT) और NCP की रैलियां नहीं होने देंगे।

राज ठाकरे का आरोप है कि मराठा आरक्षण आंदोलन का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ नेता मराठवाड़ा में माहौल खराब करना चाहते हैं। यह सब विधानसभा चुनाव से पहले हो रहा है, जो बहुत अहम है।

दूसरी तरफ, उद्धव ठाकरे ने इन आरोपों को झूठा बताया है। उनका कहना है कि यह सब उनके खिलाफ एक साजिश है। दोनों नेताओं के बीच यह तनाव नया नहीं है, लेकिन अब यह और बढ़ गया है।

इन घटनाओं का असर महाराष्ट्र की राजनीति पर गहरा पड़ सकता है। दोनों पक्षों के समर्थक गुस्से में हैं। अगर यह तनाव और बढ़ा, तो राज्य की शांति खतरे में पड़ सकती है। पुलिस अलर्ट है और स्थिति पर नजर रख रही है।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे इस स्थिति को कैसे संभालते हैं। क्या वे अपने मतभेद भुलाकर शांति बनाए रखेंगे? या फिर यह तनाव और बढ़ेगा? महाराष्ट्र की जनता इन सवालों का जवाब जानना चाहती है।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से ठाकरे परिवार को सुर्खियों में ला दिया है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।

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