पूर्वी भारत के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात दाना (Cyclone Dana) ने भीषण तबाही मचा दी है। चक्रवात दाना (Cyclone Dana) की दस्तक ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिसके चलते दस लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
तूफान का भयावह रूप
धामरा तट पर तूफान ने देर रात दस्तक दी, जहां हवाओं की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। बांसडा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां कई पेड़ जड़ से उखड़ गए और बिजली के खंभे धराशायी हो गए। भद्रक के कामरिया में भारी बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
यातायात व्यवस्था पर प्रभाव
तूफान के कारण रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) को तैनात किया गया है। पांच सौ से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। दोनों राज्यों में सोलह घंटों तक हवाई यातायात पूरी तरह से ठप रहा, जिसे बाद में सीमित रूप से बहाल किया गया।
बचाव और राहत कार्य
दाना तूफान का विनाशकारी प्रभाव (Devastating Impact of Cyclone Dana) कम करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर कार्रवाई की है। छह हजार से अधिक चक्रवात आश्रय स्थलों में लोगों को ठहराया गया है, जहां उन्हें भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विशेष राहत आयुक्त कार्यालय में नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति की समीक्षा की और राज्य सरकार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। आईएमडी की भविष्यवाणी के अनुसार, सोलह जिलों में अचानक बाढ़ आने की आशंका है। राज्य सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए विशेष टीमें तैनात की हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार तूफान उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है। केंद्रपाड़ा जिले के भीतरकनिका और भद्रक जिले के धामरा के बीच इसका केंद्र स्थित है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तूफान का केंद्र जमीन पर पहुंचेगा, तो हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
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