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जम्मू-कश्मीर में चुनावी बिगुल: अमित शाह का ऐलान, राज्य की वापसी का वादा!

जम्मू-कश्मीर में चुनावी बिगुल

जम्मू-कश्मीर में चुनावी बिगुल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 से पहले विधानसभा चुनाव आयोजित किए जाएंगे। इस बयान के साथ, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

शाह ने यह भी बताया कि सरकार ने परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिसके बाद ही आरक्षण दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विभिन्न जातियों की स्थिति के बारे में जानने के बाद ही आरक्षण नीतियों को लागू किया जा सकता है।

इसके अलावा, शाह ने यह भी कहा कि सरकार अगले पांच सालों के भीतर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लाएगी, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत एक दीर्घकालिक लक्ष्य है। UCC का उद्देश्य देश में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी प्रक्रिया स्थापित करना है, जो विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और अन्य नागरिक मामलों में लागू होगा।

शाह ने यह भी संकेत दिया कि सरकार एकसाथ चुनाव (सिमुलटेनियस इलेक्शन) कराने की दिशा में भी काम कर रही है, जिसका मतलब है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक ही समय में आयोजित किए जाएंगे। इससे चुनावी प्रक्रिया में आने वाले खर्चे और समय की बचत होगी, साथ ही सरकारी मशीनरी पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा।

इन घोषणाओं के साथ, शाह ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को मोदी सरकार की कश्मीर नीति की सफलता के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र की बड़ी जीत बताया और कहा कि यह दिखाता है कि घाटी के लोग भी भारतीय संविधान को मानते हैं।

इस तरह के विकास से जम्मू-कश्मीर के भविष्य की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है, और यह देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण हो सकता है। इस घोषणा के बाद, जम्मू-कश्मीर के लोगों और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं, जिनमें कुछ ने इस कदम का स्वागत किया है, जबकि कुछ ने इसे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के रूप में देखा है।

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