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फॉक्सकॉन मामला: शादीशुदा महिलाओं के नौकरी न मिलने का मुद्दा, जानें पूरी कहानी

फॉक्सकॉन मामला: शादीशुदा महिलाओं के नौकरी न मिलने का मुद्दा, जानें पूरी कहानी

फॉक्सकॉन, जो तमिलनाडु में एप्पल आईफोन प्लांट चलाती है, पर दो महिलाओं ने आरोप लगाया था कि वहां शादीशुदा महिलाओं को नौकरी नहीं दी जाती। इसके बाद श्रम और रोजगार मंत्रालय ने तमिलनाडु के श्रम विभाग से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी। इस आरोप के बाद फॉक्सकॉन ने सफाई दी कि उनकी कंपनी में 25 प्रतिशत महिलाएं शादीशुदा हैं, जो कि अन्य कारखानों के मुकाबले बेहतर अनुपात है।

श्रम मंत्रालय ने कानून की याद दिलाई श्रम मंत्रालय ने बताया कि 1976 के समान पारिश्रमिक अधिनियम की धारा 5 के अनुसार, पुरुष और महिला श्रमिकों की भर्ती में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है, और क्षेत्रीय मुख्य श्रम आयुक्त को भी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

दो महिलाओं का अनुभव रायटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया कि दो बहनों ने दावा किया कि उनकी शादीशुदा स्थिति के कारण उनकी नौकरी की एप्लीकेशन को फॉक्सकॉन ने रिजेक्ट कर दिया। पिछले साल, जब वे प्लांट में इंटरव्यू देने गईं, तो सुरक्षा अधिकारी ने उनसे शादीशुदा होने पर उन्हें वापस भेज दिया।

ऑटो चालक ने भी किया था सचेत उन महिलाओं ने बताया कि जब वे इंटरव्यू के लिए जा रही थीं, तो ऑटो चालक ने भी उन्हें फॉक्सकॉन के भेदभाव के बारे में बताया। वहां पहुंचने पर सुरक्षा अधिकारी ने भी यही किया। फॉक्सकॉन के एक पूर्व एचआर कार्यकारी एस पॉल ने भी इस बात की पुष्टि की कि कंपनी का मानना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों और गर्भधारण की संभावनाओं के कारण शादीशुदा महिलाएं कम उपयोगी होती हैं।

कंपनी का स्पष्टीकरण फॉक्सकॉन ने सरकार को बताया कि उनके नए कर्मचारियों में 25 प्रतिशत विवाहित महिलाएं हैं और उनकी सुरक्षा नीतियों में कोई भेदभाव नहीं है। कंपनी ने कहा कि इस तरह की खबरें भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को बदनाम करती हैं। फॉक्सकॉन के मुताबिक, उनके कारखाने में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं और 30 प्रतिशत पुरुष काम करते हैं। तमिलनाडु प्लांट महिलाओं को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा कारखाना है, जहां व्यस्त समय में 45,000 श्रमिक काम करते हैं।

चूड़ी-मंगलसूत्र पहनने पर स्पष्टीकरण कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि धातु के गहने, जैसे चूड़ी और मंगलसूत्र, पहनने पर कोई भेदभाव नहीं होता। ऐसे कारखानों में धातु पहनना सुरक्षा के लिए खतरा होता है, इसलिए किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह पुरुष हो या महिला, धातु पहनकर काम करने की अनुमति नहीं होती। कंपनी ने कहा कि मीडिया में आई खबरें उन लोगों के आधार पर हो सकती हैं जिन्हें नौकरी नहीं मिली या जो अब फॉक्सकॉन में काम नहीं करते।

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