रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को दुनिया की महाशक्तियों में शामिल करने की वकालत करते हुए इसके लिए कई ठोस कारण दिए हैं। दरअसल सोची में एक कार्यक्रम के दौरान पुतिन ने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, विशाल जनसंख्या, और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इसे इस दर्जे का हकदार बनाती है। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों के संयुक्त निर्माण से मॉस्को और नई दिल्ली के बीच गहरा विश्वास भी झलकता है।
पुतिन के विचार: भारत एक वैश्विक महाशक्ति बनने के योग्य
पुतिन ने वाल्डाई डिस्कशन क्लब में आयोजित एक सत्र के दौरान भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और 1.5 अरब की विशाल आबादी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को निस्संदेह एक ग्लोबल सुपरपावर के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने भारत की प्राचीन संस्कृति और विकास की संभावनाओं को भी रेखांकित किया, जो इसे वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार बनाती हैं।
भारत-रूस संबंधों में बढ़ता सहयोग और विश्वास
इतना ही नहीं पुतिन ने भारत के साथ बढ़ते संबंधों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा हर साल कई गुना बढ़ रहा है, खासकर रक्षा, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्रों में। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया कजान दौरे और दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर जोर देते हुए पुतिन ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा रूसी सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल दोनों देशों के संबंधों में गहरे विश्वास को दर्शाता है।
निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच ये मजबूत संबंध न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि एक महाशक्ति बनने की दिशा में भारत की दावेदारी को भी मजबूती देते हैं।
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