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Indus Water Treaty: क्या है सिंधु जल समझौता, जिसे भारत ने पहलगाम हमले के बाद रोका; कैसे बूंद-बूंद को तरसेगा पाक?

Indus Water Treaty: क्या है सिंधु जल समझौता, जिसे भारत ने पहलगाम हमले के बाद रोका; कैसे बूंद-बूंद को तरसेगा पाक?
**EDS: FILE PHOTO, TO GO WITH STORY DEL18** Leh: In this Friday, Aug. 13, 2010 file photo, personnel of Border Road Organization and local volunteers work to stop the overflowing water of Indus river which was damaging a highway at Taru Thang, near Leh. India has issued a notice to Pakistan for modification of the Indus Waters Treaty (IWT) of September 1960 following Islamabad's 'intransigence' on its implementation, government sources said on Friday, Jan. 27, 2023. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI01_27_2023_000054A)

सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक समझौता है, जिसने दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को नियंत्रित किया है। यह समझौता 19 सितंबर 1960 को हस्ताक्षरित हुआ था और विश्व बैंक की मध्यस्थता में तैयार किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल का उचित बंटवारा सुनिश्चित करना था।

सिंधु जल समझौता क्या है? (What is Indus Water Treaty?)

सिंधु नदी प्रणाली में छह प्रमुख नदियाँ शामिल हैं—सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज। इस समझौते के तहत, इन नदियों के जल को दो भागों में बाँटा गया:

  1. पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलज): इन पर भारत को पूर्ण अधिकार दिया गया।

  2. पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब): इनका अधिकांश जल (80%) पाकिस्तान को दिया गया, जबकि भारत सीमित मात्रा में इसका उपयोग कर सकता है।

इस संधि के अनुसार, भारत इन नदियों पर बाँध बना सकता है, लेकिन पानी के प्रवाह में बाधा नहीं डाल सकता।

सिंधु जल समझौता पर रोक का क्या प्रभाव होगा? (Impact of Stopping Indus Water Treaty)

हाल ही में, भारत सरकार ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों के बाद सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) की समीक्षा करने का फैसला किया है। अगर भारत इस समझौते को पूरी तरह से रोक देता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  • पाकिस्तान की कृषि को भारी नुकसान: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है, और सिंधु नदी का पानी उसके लिए जीवनरेखा है। जल आपूर्ति बाधित होने से फसल उत्पादन गिर सकता है।

  • पेयजल संकट: पाकिस्तान की 70% आबादी सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है। जल प्रवाह रुकने से पीने के पानी की किल्लत हो सकती है।

  • भारत-पाक संबंधों पर असर: यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को और तनावपूर्ण बना सकता है।

क्या भारत पूरी तरह से समझौता रद्द कर सकता है? (Can India Terminate the Treaty?)

सिंधु जल समझौता एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे एकतरफा तौर पर रद्द करना आसान नहीं है। हालाँकि, भारत समझौते के कुछ प्रावधानों को बदल सकता है या पाकिस्तान को दिए जाने वाले जल की मात्रा को कम कर सकता है। विश्व बैंक इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है।

इतिहास में सिंधु जल समझौते पर तनाव

1965 और 1971 के युद्ध के दौरान भी भारत ने इस समझौते का पालन किया, जो इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। हालाँकि, 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा (Review of Indus Water Treaty) की बात कही थी। अब, पहलगाम हमले के बाद एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में है।


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