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रेडियो के सुनहरे दौर के दिग्गज अमीन सयानी नहीं रहे – “नमस्ते बहनों और भाइयों!” की आवाज़ ख़ामोश

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‘बिनाका गीतमाला’ के प्रतिष्ठित प्रस्तुतकर्ता अमीन सयानी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। रेडियो सिलोन पर उनकी मशहूर आवाज़ हिंदी सिनेमा प्रेमियों के लिए दशकों तक मनोरंजन का पर्याय रही।

अमीन सयानी की आवाज़ भारतीय रेडियो के स्वर्णिम युग से जुड़ी हुई है। उनका जन्म 1932 में मुंबई में हुआ था। ऑल इंडिया रेडियो से अपने करियर की शुरुआत के बाद, वह अपनी अनूठी प्रस्तुति शैली के लिए प्रसिद्ध हो गए।

रेडियो के दिग्गज अमीन सयानी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार कल किया जाएगा।

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रेडियो सिलोन पर उनका शो ‘बिनाका गीतमाला’ भारतीय रेडियो के इतिहास में सबसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक रहा। दशकों तक, सिनेमा प्रेमियों ने हर हफ्ते अमीन सयानी की आवाज़ में नए और पुराने फ़िल्मी गानों का आनंद लिया।

‘नमस्ते बहनों और भाइयों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूँ’ से शुरू होने वाला उनका कार्यक्रम संगीत प्रेमियों के लिए उत्सव के समान था। 1952 में शुरू होकर ‘बिनाका गीतमाला’ लगातार 42 वर्षों तक रेडियो पर प्रसारित होता रहा।

अमीन सयानी का निधन भारतीय प्रसारण इतिहास के एक युग के अंत का प्रतीक है। उनकी आवाज़ और अंदाज़ कई पीढ़ियों के लिए अविस्मरणीय रहेगा।

अमीन सयानी भारतीय रेडियो के सच्चे सितारे थे। उनका जाना मनोरंजन जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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