महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं और इसमें एनडीए (महायुति) को बड़ी सफलता मिली है। इंडिया अलायंस (महाविकास आघाडी) के नेताओं ने पहले अनुमान लगाया था कि उनके उम्मीदवार जीतेंगे, लेकिन नतीजे विपरीत आए।
लोकसभा चुनावों में एनडीए की जीत के बाद, इंडिया अलायंस के नेताओं ने दावा किया था कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों में अजित पवार और एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे। लेकिन इस चुनाव में महाविकास आघाडी (एमवीए) को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। एमवीए के नेताओं ने दो की बजाय तीन उम्मीदवार उतार कर महायुति को चुनौती दी थी, लेकिन इसका परिणाम उनके पक्ष में नहीं आया।
चुनाव के नतीजों ने महायुति का मनोबल बढ़ा दिया है। इस जीत से महायुति के नेताओं का विश्वास और मजबूत हो गया है। वहीं, कांग्रेस एक बार फिर कमजोर साबित हुई। कांग्रेस के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे एमवीए को नुकसान हुआ। एनडीए (महायुति) के सभी 9 उम्मीदवार आसानी से अतिरिक्त वोटों से जीत गए। एमवीए के एक उम्मीदवार को छोड़कर दूसरे की जीत मुश्किल में पड़ गई और तीसरे को 11 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
महायुति ने अच्छे प्रबंधन और एकजुटता के कारण अपनी जीत सुनिश्चित की। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी ने मिलकर अपने विधायकों को एकजुट रखा और अन्य दलों के विधायकों का समर्थन भी हासिल किया। नतीजों के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने एमवीए पर कटाक्ष किया। शिंदे ने कहा कि हमें चुनौती दी गई थी, लेकिन हमारी सरकार के विकास कार्यों को देखते हुए महायुति के साथ अन्य विपक्षी विधायकों ने भी वोट दिया।
महाविकास आघाडी (एमवीए) के किसी बड़े नेता ने चुनाव के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन शिवसेना यूबीटी के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि वे नतीजों से निराश हैं। कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे एमवीए को नुकसान हुआ। विधान परिषद चुनाव के नतीजे ऐसे समय पर आए जब मुंबई में अनंत अंबानी और राधिक मर्चेंट की शादी में दुनियाभर की हस्तियां मौजूद थीं।
एनडीए के कार्यकर्ता लोकसभा चुनावों में हार के बाद निराश थे, लेकिन विधान परिषद चुनाव में जीत के बाद पंकजा मुंडे ने पुष्टि की कि वे और उनके साथी जीत गए हैं। पंकजा मुंडे ने कहा कि वे और उनके साथी जोश में हैं और कार्यकर्ताओं में भी जोश भरने का वादा किया।
अब सवाल यह है कि एमवीए ने तीन उम्मीदवार उतारने का फैसला क्यों लिया। कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग के कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें मुस्लिम को मौका नहीं देना और गुटबाजी शामिल है। एमवीए को ओवर कॉन्फिडेंस का खामियाजा भुगतना पड़ा।
इस जीत ने एनडीए का मनोबल बढ़ा दिया है और आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें फायदा मिल सकता है। महायुति की इस सफलता ने उन्हें मजबूती दी है और आने वाले चुनावों के लिए उन्हें तैयार कर दिया है।
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