महाराष्ट्रमुंबई

NCP election symbol: शरद पवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका! अजित पवार करेंगे ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल

NCP election symbol
महाराष्ट्र चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है जो राज्य की राजनीति में हलचल मचा रहा है। अजित पवार गुट को अब NCP चुनाव सिंबल (NCP election symbol) यानी ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि अजित पवार गुट को अपने प्रचार में यह डिस्क्लेमर देना होगा कि ‘घड़ी’ चिन्ह का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

यह फैसला शरद पवार और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि NCP चुनाव सिंबल (NCP election symbol) के रूप में घड़ी लंबे समय से शरद पवार गुट के साथ जुड़ा हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और NCP में चल रही खींचतान

शरद पवार की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि अजित पवार को ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल से रोका जाए, क्योंकि इस चिन्ह को लेकर असमंजस की स्थिति मतदाताओं में पैदा हो रही है। याचिका में यह भी कहा गया कि ‘घड़ी’ चिन्ह को शरद पवार गुट से जोड़ा जाता है, जिससे मतदाता भ्रमित हो सकते हैं। लेकिन कोर्ट ने यह याचिका फिलहाल खारिज कर दी और अजित पवार को चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दी, हालांकि डिस्क्लेमर जोड़ने की शर्त के साथ।

चुनाव आयोग पहले ही अजित पवार गुट को महाराष्ट्र चुनाव में NCP घड़ी चिन्ह (NCP clock symbol in Maharashtra elections) इस्तेमाल करने की अनुमति दे चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में अजित पवार का गुट ‘घड़ी’ सिंबल पर चुनाव लड़ेगा।

‘घड़ी’ चिन्ह की लड़ाई का राजनीतिक महत्व

NCP में विभाजन के बाद से ही ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह को लेकर दोनों गुटों में खींचतान चल रही थी। शरद पवार गुट का तर्क है कि घड़ी का चुनाव चिन्ह उनके लंबे राजनीतिक करियर से जुड़ा हुआ है और इसे मतदाता उनके साथ जोड़ते हैं। दूसरी ओर, अजित पवार का दावा है कि अब पार्टी पर उनका आधिकारिक हक है और इसलिए उन्हें यह चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने का अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि चुनाव चिन्ह मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहचान बन जाता है। महाराष्ट्र चुनाव में NCP घड़ी चिन्ह (NCP clock symbol in Maharashtra elections) का इस्तेमाल करना अजित पवार गुट के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है, खासकर जब चुनाव आयोग पहले ही उन्हें असली NCP के रूप में मान्यता दे चुका है।

आगे की राह और राजनीति पर असर

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अजित पवार गुट को चुनाव प्रचार में डिस्क्लेमर जोड़ना होगा, जिससे यह स्पष्ट हो कि ‘घड़ी’ चिन्ह को लेकर मामला अभी कोर्ट में लंबित है। इस निर्णय का असर महाराष्ट्र के मतदाताओं पर क्या होगा, यह तो चुनाव नतीजों के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन इतना जरूर है कि यह फैसला NCP के दोनों गुटों के बीच टकराव को और गहरा कर सकता है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और इसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

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