कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल खतरनाक हथियार के रूप में किया जा सकता है और ये आत्मरक्षा के लिए उचित नहीं है।
ये मामला बेंगलुरु की एक कंपनी से जुड़ा है। कंपनी के एक कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि कंपनी के निदेशक दंपति ने उन पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया था। दंपत्ति ने तर्क दिया कि उन्होंने अपनी रक्षा के लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
हाईकोर्ट ने कहा कि काली मिर्च स्प्रे जलन पैदा कर सकता है और ये गंभीर चोट भी पहुंचा सकता है। इसलिए, इसका इस्तेमाल खतरनाक हथियार के रूप में माना जाएगा।
दंपत्ति की दलील
दंपति ने तर्क दिया कि उन्हें अपनी रक्षा के लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया गया था। उनका कहना था कि कर्मचारी और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उनकी संपत्ति में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी।
हाईकोर्ट का तर्क
हाईकोर्ट ने दंपति की दलील को खारिज करते हुए कहा कि काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल केवल तभी किया जा सकता है जब जान का खतरा हो। इस मामले में, दंपति की जान को कोई खतरा नहीं था।
क्या है कानूनी स्थिति?
भारत में काली मिर्च स्प्रे के इस्तेमाल को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है। हाईकोर्ट ने अमेरिकी अदालत के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि काली मिर्च स्प्रे खतरनाक हथियार है।
क्या होगा आगे?
हाईकोर्ट ने दंपति की याचिका खारिज कर दी है। इसका मतलब है कि उन पर आईपीसी की धारा 324 के तहत मामला दर्ज रहेगा।
ये फैसला उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अक्सर अपनी सुरक्षा के लिए काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल केवल तभी किया जा सकता है जब जान का खतरा हो।
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