सूरज पाल उर्फ भोले बाबा: हमारे देश में बाबाओं के प्रति लोगों की जो आस्था होती है, वो आस्था की मिसाल होती है। लेकिन यही पूजनीय बाबा जब भगवान की बजाय धन और यौवन के पुजारी निकल जाते हैं तो भक्तों का दिल तार-तार हो जाता है। ऐसा ही मामला अब सामने आया है भोले बाबा उर्फ सूरज पाल को लेकर, जिसके प्रति लोगों की दीवानगी सर चढ़कर बोलती थी। उसकी हर बात लोग अपने सर-आंखों पर रखते थे। उसकी जुबां जैसे भगवान की जुबां मानते थे, लेकिन जब हाथरस में हुए सत्संग के दौरान मचे भगदड़ में 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, तो इस बाबा की छानबीन शुरू हुई और एक-एक कर इनके राज से पर्दे उठते चले गए। और साथ ही इनके अंधभक्तों के दिल तार-तार होते चले गए।
अब इस नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल को लेकर जो खुलासा हुआ है, वो भी काफी हैरान करने वाला है। वैसे आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस तरह के पाखंडी बाबाओं को लेकर इस तरह के खुलासे तो आए दिन होते ही रहते हैं। लेकिन इनका मामला फिलहाल गर्म है और इन अंधभक्तों के आंखों से भक्ति का चश्मा उतरने का दौर जारी है। इसलिए इसके बारे में बताना हमने जरूरी समझा।
सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने किया खुलासा
दरअसल नारायण साकार हरि के बारे में उन महिलाओं ने ही खुलासा किया है, जो इनके सत्संग में बड़ी श्रद्धा से शामिल होती रहीं। महिलाओं ने बताया है कि ये बाबा उन लड़कियों को अपनी शिष्या बनाता है जो कुंवारी होती हैं। चुकी नारायण साकार को लाल रंग पसंद है, इसलिए वो अपनी शिष्याओं को लाल रंग के ही वस्त्र भी पहनाया करता था। महिलाओं ने खुलासा करते हुए बताया कि वो लड़कियों को आयोजन समिति की ओर से स्पेशल लाल रंग के पौशाक दिए जाते थे, जिसे पहनकर वो सत्संग में जाती और नृत्य किया करती थी।
सत्संग के दौरान काले रंग का चश्मा पहनता था बाबा
महिलाओं ने ये भी बताया कि, सत्संग के दौरान ये नारायण बाबा काले रंग का चश्मा पहना करता था। उसके उस काले चश्में में लड़कियों को भगवान का रूप दिखता था। इतना ही नहीं, आज तक में छपी एक खबर के मुताबिक इन महिलाओं ने कई ऐसे भी खुलासे किए हैं, जिनके बारे में वो बताने से वो कमरे में भी झिझक रही थीं। किसी महिला ने तो यहां तक कहा कि बाबा के साथ रहने वाली कुंवारी लड़कियां बाबा को अपना पति मानती थीं और उसके साथ पति जैसा ही व्यवहार करती थीं। कह सकते हैं कि बाबा की एक पुकार पर वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती थीं।
कुंवारी लड़कियों को रखता था अपने करीब
कुंवारी लड़कियों को वो अपने करीब रखता था, जबकि शादी शुदा महिलाओं को खुद से दूर रखता था। कुंवारी लड़कियों को उसकी शिष्या बनने के लिए उससे विशेष दीक्षा लेने की आवश्यकता पड़ती थी। इस ढोंगी बाबा के आश्रम के पास रहने वाले लोगों ने बताया कि लड़कियां की बाबा की हर बात का ख्याल रखती थी, चाहे उसे खिलाना-पिलाना हो, या फिर स्नान करवाना ही क्यों ना हो। वो अपने हर कार्य कुंवारी लड़कियों से ही करवाया करता था।
खैर अब के बदलते हालात और लोगों के मिजाज को देखकर तो ऐसा लगता है, कि इस बाबा के लिए वो दिन दूर नहीं, जब इन्हें आश्रम की बजाय जेल का आश्रय मिले और लड़कियों की जगह सेवा के लिए तगड़े वर्दीधारी मिले। तब इन्हें पता चले कि जिंदगी में गलत तरीके से लिए गए मौज का अंजाम होता क्या है। वैसे आपका इसपर क्या कहना है, हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
ये भी पढ़ें: 20 साल तक जिसे हथौड़ा समझकर इस्तेमाल करती रही महिला, वो निकला जानलेवा हथियार