Maharashtra Assembly Elections: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव के दौरान एक सशक्त नारा दिया था, “बंटोगे तो कटोगे, एक हैं तो सेफ हैं।” अब इस नारे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी जोर पकड़ा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे अपने चुनावी भाषणों में इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वो पिछड़े वर्गों के बीच दरार पैदा करने के लिए विभाजनकारी राजनीति कर रही है। साथ ही पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की एक रैली में भी कहा, “एक हैं तो सेफ हैं,” जिसका विज्ञापन सोमवार को पूरे राज्य के समाचार पत्रों के मुख्य पृष्ठ पर छपा और राजनीतिक हलकों में नई चर्चा का विषय बन गया।
बता दें कि महाराष्ट्र के इस विज्ञापन में सफेद पृष्ठभूमि पर भगवा रंग से लिखा है “एक हैं तो सेफ हैं,” और इसके नीचे महायुति के तीन प्रमुख दलों के चुनाव चिन्ह – बीजेपी, एनसीपी (अजित पवार गुट), और शिवसेना (शिंदे गुट) दिखाई देते हैं। खास बात ये है कि विज्ञापन के शीर्ष पर “एक” में महाराष्ट्र की विभिन्न जातियों और वर्गों की पगड़ियों का समावेश किया गया है, लेकिन इस ग्राफिक में मुस्लिम टोपी को शामिल नहीं किया गया है। ये विज्ञापन एक ओर बीजेपी के एकता के संदेश को मजबूत करता है, तो दूसरी ओर इसके भीतर छुपे संदेशों के कारण सवाल भी उठते हैं।
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धुले में आयोजित एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा जातियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि एससी, एसटी, और ओबीसी का समुचित विकास हो या उन्हें मान्यता मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से समाज में विभाजन के सिद्धांत पर काम करती रही है, खासकर तब तक जब तक एससी, एसटी, और ओबीसी वर्ग बिखरे हुए रहे। लेकिन जैसे ही ये समुदाय एकजुट होने लगे, कांग्रेस की ताकत घटने लगी और वे केंद्र में पूर्ण बहुमत नहीं हासिल कर सके।
पीएम मोदी के इस नारे के जवाब में कांग्रेस ने बीजेपी पर समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी का ये नारा समाज में असुरक्षा की भावना और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देता है। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसे ये संदेश देना चाहते हैं कि “एक हैं तो सेफ हैं”? खड़गे ने दावा किया कि देश को अगर किसी से खतरा है, तो वो भाजपा और आरएसएस से है। खड़गे का मानना है कि बीजेपी केवल भय और असुरक्षा की भावना को भड़का कर वोट बटोरना चाहती है।
इस प्रकार, महाराष्ट्र चुनाव में “एक हैं तो सेफ हैं” नारे ने अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं को आपस में टकरा दिया है, जहां एक ओर भाजपा इसे एकता का प्रतीक मानती है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे समाज में विभाजन के रूप में देख रहे हैं। (Maharashtra Assembly Elections)