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Brain Fog: क्या है ब्रेन फॉग? दिसंबर की ठंड और छुट्टियों से क्या है इसका कनेक्शन

Brain Fog: क्या है ब्रेन फॉग? दिसंबर की ठंड और छुट्टियों से क्या है इसका कनेक्शन

Brain Fog: दिसंबर का महीना आते ही वेकेशन और त्योहारों का माहौल बनने लगता है। छुट्टियों के इस मौसम में अक्सर लोग रिलैक्स करने और घूमने-फिरने का प्लान बनाते हैं। लेकिन इस मजेदार समय के बीच कई लोग एक अजीब सी मानसिक स्थिति का अनुभव करते हैं जिसे ब्रेन फॉग (Brain Fog) कहा जाता है। यह स्थिति दिमागी थकावट, कन्फ्यूजन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई के रूप में सामने आती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि ब्रेन फॉग क्या है, दिसंबर और छुट्टियों के दौरान यह क्यों बढ़ जाता है, और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

ब्रेन फॉग क्या है?

ब्रेन फॉग एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने, चीजों को याद रखने और सही तरीके से सोचने में कठिनाई होती है। यह ऐसा महसूस होता है जैसे दिमाग पर एक धुंध छा गई हो।

डॉ. अंशु रोहतगी, जो सर गंगाराम हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट हैं, बताते हैं कि ब्रेन फॉग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह किसी सपने में जी रहा है। सही शब्द याद करने में दिक्कत होती है और दिमाग की गति धीमी पड़ जाती है।

दिसंबर और ब्रेन फॉग का कनेक्शन

मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव के अनुसार, दिसंबर का मौसम ब्रेन फॉग की संभावना को बढ़ा सकता है। इस समय ठंड अधिक होती है, दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं। इससे शरीर का प्राकृतिक रिदम प्रभावित होता है। ठंड के कारण लोग आलसी महसूस करने लगते हैं और शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं।

इसके अलावा, छुट्टियों का माहौल, क्रिसमस और नए साल की सजावट, और पार्टी का माहौल दिमाग पर असर डालता है। यह सब मिलकर ब्रेन फॉग की स्थिति पैदा कर सकता है, जिसमें एकाग्रता कम हो जाती है और व्यक्ति चीजें भूलने लगता है।

वेकेशन के दौरान ब्रेन फॉग क्यों होता है?

वेकेशन दिमाग और शरीर को आराम देने का समय होता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह उल्टा असर डाल सकता है। नई जगह, अलग माहौल, और नई-नई चीजों के बीच दिमाग खुद को एडजस्ट करने में समय लेता है।

कभी-कभी पार्टी, जंक फूड और नींद पूरी न होने के कारण भी ब्रेन फॉग की समस्या हो जाती है। सालभर का वर्कलोड दिसंबर तक हावी रहता है, जिससे छुट्टियों में भी तनाव बना रहता है।

जेट लैग और ब्रेन फॉग

लंबी हवाई यात्राओं के बाद जेट लैग का अनुभव होना आम बात है। अलग-अलग समय क्षेत्र (Time Zones) में जाने से शरीर की जैविक घड़ी असंतुलित हो जाती है। यह ब्रेन फॉग का एक प्रमुख कारण हो सकता है। नींद पूरी न होना और सर्कैडियन रिदम का गड़बड़ होना इस स्थिति को और बढ़ा देता है।

ब्रेन फॉग से बचने के उपाय

  • हेल्दी रूटीन अपनाएं: छुट्टियों में भी नियमित दिनचर्या बनाए रखें। सुबह जल्दी उठें, रोजाना धूप में बैठें और व्यायाम करें।
  • हाइड्रेशन बनाए रखें: पानी, नारियल पानी, और जूस वाले फल अधिक मात्रा में लें ताकि शरीर डिहाइड्रेशन से बच सके।
  • संतुलित आहार लें: खाने में प्रोटीन, विटामिन डी और बी-12 से भरपूर चीजें शामिल करें। मीठा और जंक फूड कम खाएं।
  • तनाव कम करें: ध्यान (Meditation) और योग से दिमाग को शांत रखें।
  • पर्याप्त नींद लें: 7-8 घंटे की गहरी नींद ब्रेन फॉग से बचने में मदद करती है।
  • शराब और कैफीन से बचें: अल्कोहल और कैफीन का सेवन कम करें, क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी बढ़ाते हैं।

ब्रेन फॉग के लिए जरूरी मेडिकल जांच

अगर ब्रेन फॉग लंबे समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। डॉक्टर ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, थायराइड, और विटामिन बी-12 व डी की जांच कर सकते हैं। इन पोषक तत्वों की कमी से भी ब्रेन फॉग हो सकता है।

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