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90-30-50 diet: सोशल मीडिया पर छाया 90-30-50 डाइट का जादू, क्या यह वाकई वजन घटाने में कारगर है?

90-30-50 diet: सोशल मीडिया पर छाया 90-30-50 डाइट का जादू, क्या यह वाकई वजन घटाने में कारगर है?

आजकल सोशल मीडिया (social media) पर फिटनेस से जुड़े नए-नए ट्रेंड्स चर्चा में रहते हैं, और इनमें से एक है 90-30-50 डाइट (90-30-50 diet)। यह डाइट खासतौर पर उन लोगों के लिए तैयार की गई है, जो वजन बढ़ने और फिटनेस गोल्स पूरे करने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह डाइट कैसे काम करती है, इसके फायदे और संभावित नुकसान क्या हैं, और क्या यह वास्तव में वजन घटाने का भरोसेमंद तरीका है।


क्या है 90-30-50 डाइट?

90-30-50 डाइट (90-30-50 diet) एक संतुलित खाने का तरीका है, जिसे डाइटिशियन कोर्टनी कैसीस (Courtney Cassis) ने तैयार किया। उन्होंने इसे खासतौर पर हाशिमोटो थायरॉयडिटिस (Hashimoto Thyroiditis) जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण वजन बढ़ने वाले लोगों के लिए डिजाइन किया।

इस डाइट में मुख्य रूप से तीन पोषक तत्वों पर जोर दिया गया है:

  • 90 ग्राम प्रोटीन (Protein): मसल्स की मरम्मत और मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।
  • 30 ग्राम फाइबर (Fiber): पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ब्लड शुगर को बैलेंस करता है।
  • 50 ग्राम हेल्दी फैट (Healthy Fat): हार्मोन को संतुलित करने और ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।

डाइटिशियन ट्रिस्टा बेस्ट (Trista Best) के अनुसार, इस डाइट का फोकस कैलोरी कम करने पर नहीं, बल्कि पोषण को सही तरीके से संतुलित करने पर है।


वजन घटाने में कितना असरदार है 90-30-50 डाइट?

90-30-50 डाइट (90-30-50 diet) को फॉलो करने वाले लोगों का दावा है कि इससे वजन तेजी से घटता है, पेट फ्लैट हो जाता है और शरीर को परफेक्ट शेप मिलती है।

डाइटिशियन शेली बॉल्स (Shelley Bowles) बताती हैं कि इस डाइट में प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होने से भूख कंट्रोल में रहती है। इससे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है। हेल्दी फैट्स शरीर में सूजन कम करने में मदद करते हैं, जो वजन घटाने के लिए फायदेमंद है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस डाइट का प्रभाव हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह प्लान उन लोगों के लिए बेहतर है, जो नियमित रूप से वर्कआउट करते हैं और अपनी कैलोरी का ध्यान रखते हैं।


क्या इस डाइट के खतरे भी हैं?

जहां एक तरफ 90-30-50 डाइट (90-30-50 diet) कई फायदे देती है, वहीं इसके कुछ खतरे भी हैं।

डाइटिशियन ट्रिस्टा बेस्ट (Trista Best) कहती हैं कि इस डाइट में हर व्यक्ति की पोषण की व्यक्तिगत जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया है। उदाहरण के लिए:

  • ज्यादा प्रोटीन: कम एक्टिव लाइफस्टाइल वाले लोगों या किडनी संबंधी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • लंबे समय तक फॉलो करना मुश्किल: इस डाइट को अनुशासन के साथ निभाना जरूरी है, लेकिन अधिकतर लोग इसे लंबे समय तक जारी नहीं रख पाते।
  • वजन दोबारा बढ़ने की संभावना: यदि डाइट छोड़ दी जाए तो वजन दोबारा तेजी से बढ़ सकता है।

सोशल मीडिया का प्रभाव

आज के समय में, सोशल मीडिया (social media) पर फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स का बोलबाला है। हर दूसरा फिटनेस इन्फ्लुएंसर इस डाइट की तारीफ करता नजर आता है। लेकिन, किसी भी डाइट को फॉलो करने से पहले अपने शरीर की जरूरतों और किसी विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।


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