खतरे की घंटी! हांगकांग में बिकने वाले लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांडों MDH और एवरेस्ट के कई मसालों पर रोक लगा दी गई है। खबर है कि इन उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा पाई गई है। इस खोज से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ गई है। साथ ही, ये घटनाक्रम खाद्य सुरक्षा नियमों के महत्व को भी रेखांकित करता है।
हांगकांग के खाद्य सुरक्षा विभाग (CFS) ने MDH समूह और एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड के चार मसाला मिश्रणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए त्वरित कार्रवाई की है। एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर, और करी पाउडर, और एवरेस्ट के फिश करी मसाले सहित इन उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड की खतरनाक रूप से उच्च मात्रा पाई गई।
अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) ने एथिलीन ऑक्साइड को समूह 1 कार्सिनोजन के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसका अर्थ है कि इससे कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। हॉन्गकॉन्ग के खाद्य सुरक्षा नियमों में अनुमेय सीमा से अधिक कीटनाशक अवशेष वाले खाद्य उत्पादों की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध का प्रावधान है।
इन मसाला मिश्रणों में एथिलीन ऑक्साइड का पाया जाना, दूषित खाद्य उत्पादों के सेवन से जुड़े संभावित स्वास्थ्य खतरों के बारे में चिंता बढ़ाता है। हांगकांग के अधिकारियों द्वारा लगाया गया प्रतिबंध कड़े खाद्य सुरक्षा उपायों और उपभोक्ता सतर्कता के महत्व को महत्वपूर्ण रूप से रेखांकित करता है।
गौरतलब है कि हांगकांग में MDH और एवरेस्ट मसालों पर प्रतिबंध सिंगापुर में किए गए समान उपायों के बाद आया है, जहां अत्यधिक एथिलीन ऑक्साइड स्तरों के कारण एवरेस्ट के फिश करी मसाले को बाजार से वापस ले लिया गया था। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे प्रभावित उत्पादों के लिए अपने मसाले के रैक की जांच करें और उन्हें तुरंत त्याग दें।
यह घटना खाद्य सुरक्षा नियमों के कड़े प्रवर्तन और खाद्य निर्माताओं से अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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