महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तब और बढ़ गई जब बॉम्बे हाईकोर्ट में पेन ड्राइव बम मामला (Pen Drive Bomb Case) से जुड़ी सुनवाई में यह दावा किया गया कि महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को फंसाने की साजिश रची गई थी। इस कथित साजिश ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।
क्या है पेन ड्राइव बम मामला?
इस पूरे प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब एमवीए सरकार के कार्यकाल में एक स्टिंग ऑपरेशन का दावा किया गया। इस स्टिंग ऑपरेशन में यह दिखाने की कोशिश की गई थी कि तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने शहरी भूमि सीलिंग (ULC) कानून का उल्लंघन किया था।
इस मामले में एक पेन ड्राइव जांच अधिकारियों को सौंपी गई, जिसमें कथित तौर पर ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सबूत थे जो शिंदे को फंसाने की कोशिश को दिखा सकते थे। बताया जा रहा है कि यह साजिश महाराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक संजय पांडे और अन्य अधिकारियों द्वारा रची गई थी।
साजिश में शामिल कौन-कौन?
पूर्व एसीपी सरदार पाटिल और संजय पांडे का नाम इस स्टिंग ऑपरेशन के पीछे प्रमुख रूप से सामने आया है। शिकायतकर्ता संजय पुनमिया ने दावा किया कि इन अधिकारियों ने कुछ व्यापारियों के साथ मिलकर शिंदे और फडणवीस के खिलाफ यह योजना बनाई थी।
एफआईआर में सरकारी वकील शेखर जगताप का नाम भी लिया गया है। यह आरोप लगाया गया है कि इन सभी ने मिलकर झूठे आरोपों के जरिए फडणवीस और शिंदे को जेल में डालने की योजना बनाई थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य ठाणे क्राइम ब्रांच को सौंप दिए गए हैं। अदालत ने इस मामले का तुरंत संज्ञान लिया और इस पर आगे की जांच के आदेश दिए।
देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे पर असर
हालांकि फडणवीस का इस मामले से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि एमवीए सरकार ने क्या उन्हें और शिंदे को राजनीति से हटाने की कोशिश की थी? यह मामला महाराष्ट्र में राजनीतिक टकराव का नया अध्याय जोड़ता दिख रहा है।
नागपुर शीतकालीन सत्र और बढ़ती सरगर्मी
मामला ऐसे समय में सामने आया है जब नागपुर में महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने एमवीए सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं।
क्या कहती है राजनीति?
फडणवीस और शिंदे साजिश (Fadnavis and Shinde Conspiracy) के इस आरोप ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को तेज कर दिया है। बीजेपी इसे एमवीए की साजिश बता रही है, जबकि एमवीए के नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।