हाल ही में, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन की रूस यात्रा से यूरोप में हंगामा मच गया। ओर्बन ने अचानक रूस का दौरा किया और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले, जिससे यूक्रेन और यूरोपीय संघ में नाराजगी फैल गई।
रूस में ओर्बन की यात्रा
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने रूस का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। पुतिन ने कहा कि अगर यूक्रेन शांति चाहता है तो उसे आत्मसमर्पण करना होगा। ओर्बन ने कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए कई कदम उठाने होंगे। यह यात्रा यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालने के कुछ ही दिनों बाद हुई थी, जिससे यूरोपीय नेताओं की नाराजगी और बढ़ गई।
यूक्रेन और यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिना किसी समन्वय के की गई थी। यूरोपीय संघ के नेताओं ने भी ओर्बन की इस यात्रा की निंदा की। यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि केवल एकता और दृढ़ संकल्प ही यूक्रेन में शांति ला सकते हैं।
नाटो और यूरोपीय संघ का रुख
नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि ओर्बन ने अपनी यात्रा के बारे में गठबंधन को सूचित किया था, लेकिन वह नाटो का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे। यूरोपीय संघ परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने दोहराया कि “यूक्रेन के बारे में कोई भी चर्चा यूक्रेन के बिना नहीं हो सकती।”
हंगरी का जवाब
ओर्बन ने जोर देकर कहा कि शांति बातचीत के बिना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अगर हम सिर्फ ब्रुसेल्स में बैठे रहेंगे, तो हम शांति के करीब नहीं पहुंच पाएंगे। हंगरी के नेता ने कहा कि कार्रवाई की जानी चाहिए।
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और फिनिश प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने भी ओर्बन की इस यात्रा की आलोचना की। ओर्बन और पुतिन की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2023 में बीजिंग में हुई थी, जहां उन्होंने ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की थी।
ओर्बन की रूस यात्रा से यूरोपीय संघ और यूक्रेन में गुस्सा बढ़ गया है। यह यात्रा बिना किसी समन्वय के की गई थी और यूरोपीय संघ के नेताओं ने इसे एक बड़ी गलती माना। ओर्बन के इस कदम ने यूरोपीय संघ और नाटो में उनके सहयोगियों के बीच विवाद पैदा कर दिया है।
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