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ईरान-भारत दोस्ती का नया अध्याय: पेजेश्कियान के हाथ में ईरान की कमान आने से चाबहार समेत कई प्रोजेक्ट्स को मिलेगी रफ्तार

पेजेश्कियान, ईरान, चाबहार बंदरगाह

भारत और ईरान के बीच लंबे समय से अच्छे आर्थिक संबंध हैं। हाल ही में पेजेश्कियान के ईरान के राष्ट्रपति बनने के बाद, इन संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद है। खासकर चाबहार बंदरगाह के विकास में दोनों देशों का सहयोग महत्वपूर्ण है।

चाबहार बंदरगाह का महत्व: भारत ने चाबहार बंदरगाह के शाहिद-बेहेश्ती टर्मिनल को विकसित करने के लिए 12 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इस बंदरगाह से भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधा समुद्री मार्ग मिलेगा, जिससे भारतीय जहाजों को पाकिस्तान के रास्ते से नहीं गुजरना पड़ेगा।

ईरान को कर्ज और अन्य सहयोग: भारत ने ईरान को आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 25 करोड़ डॉलर का कर्ज भी दिया है। यह सहयोग दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा।

तेल व्यापार में संभावनाएं: भारत और ईरान के बीच तेल व्यापार हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते इस व्यापार में थोड़ी रुकावट आई है। लेकिन अगर पेजेश्कियान अमेरिका के साथ 2015 का परमाणु समझौता फिर से कायम करने में सफल होते हैं, तो व्यापार प्रतिबंधों में राहत मिल सकती है। इससे भारत के साथ ईरान का तेल व्यापार फिर से बढ़ सकता है।

पेजेश्कियान के नेतृत्व में भारत और ईरान के संबंधों में और भी सुधार की उम्मीद है। खासकर चाबहार बंदरगाह और तेल व्यापार में सहयोग बढ़ने से दोनों देशों को लाभ होगा। इससे भारत के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुल सकते हैं।

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