अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति, जिमी कार्टर, का सोमवार को जॉर्जिया स्थित उनके घर पर 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। साल 2023 की शुरुआत से ही वे हॉस्पिस केयर में थे, जहां उनके परिवार के सदस्य उनके साथ मौजूद थे। इस खबर ने पूरे अमेरिका और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को शोक में डाल दिया।
विनम्र शुरुआत से राष्ट्रपति बनने तक का सफर
जिमी कार्टर का जन्म अमेरिका के जॉर्जिया राज्य के प्लेन्स नामक छोटे से कस्बे में हुआ था। उनकी शुरुआत बेहद विनम्र रही, लेकिन उनकी सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें राष्ट्रपति पद तक पहुंचाया। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले कार्टर ने पहले जॉर्जिया के गवर्नर के रूप में अपनी सेवा दी।
1976 में, उन्होंने राष्ट्रपति पद की दौड़ में “बाहरी व्यक्ति” के रूप में कदम रखा। उनके ईमानदार वादे, जैसे, “अगर मैं कभी आपसे झूठ बोलूं या कोई भ्रामक बयान दूं, तो मुझे वोट न दें,” ने अमेरिकी नागरिकों के दिलों को छू लिया। वियतनाम युद्ध और वाटरगेट कांड के बाद अमेरिका एक भरोसेमंद नेता की तलाश में था, जो कार्टर के रूप में पूरा हुआ।
गेराल्ड फोर्ड को हराया और राष्ट्रपति बने
जिमी कार्टर का चुनाव अभियान पारदर्शिता और सार्वजनिक वित्त पोषण पर आधारित था। इसने उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड को मामूली अंतर से हराने में मदद की। उनका कार्यकाल चुनौतियों और उपलब्धियों का मिश्रण रहा। हालांकि, उनकी ईमानदारी और प्रतिबद्धता ने उन्हें एक अलग पहचान दी।
राष्ट्रपति पद के बाद भी योगदान जारी
जिमी कार्टर का प्रभाव उनके राष्ट्रपति पद तक सीमित नहीं रहा। 1982 में, उन्होंने कार्टर सेंटर की स्थापना की। ये केंद्र संघर्षों को हल करने, चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करने और वंचित क्षेत्रों में बीमारियों को खत्म करने जैसे कार्यों में समर्पित रहा। उनके इस योगदान ने उन्हें वैश्विक नेता के रूप में पहचान दिलाई। 2002 में, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए उनके काम के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय शोक और सम्मान
जिमी कार्टर के निधन पर, अमेरिका में परंपरा के अनुसार सभी सरकारी इमारतों, संघीय भूमि और नौसैनिक जहाजों पर झंडा आधा झुका दिया गया है। ये शोक की परंपरा 30 दिनों तक जारी रहेगी, जो देश की उनके प्रति गहरी संवेदना और सम्मान को दर्शाती है।
जिमी कार्टर की विरासत
जिमी कार्टर का जीवन ईमानदारी, सेवा और मानवता का प्रतीक था। उन्होंने न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में शांति, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए काम किया। उनकी जिंदगी और योगदान हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। जिमी कार्टर की विरासत एक ऐसे नेता की कहानी है, जिसने न केवल राजनीति बल्कि मानवता के लिए भी गहरी छाप छोड़ी।उनकी ईमानदारी और सेवाभाव आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल हैं। आज उनके देहांत पर ऑन टीवी की ओर से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि
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