दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार देर शाम एक अनोखा नजारा देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (Qatar Emir Sheikh Tamim bin Hamad Al Thani) का स्वागत करने पहुंचे। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर लिखा – “मेरा भाई भारत आया है।” यह घटना भारत और कतर के गहरे संबंधों को दर्शाती है और दोनों देशों के बीच मजबूत होते कूटनीतिक रिश्तों की ओर इशारा करती है।
कैसे हुआ एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत?
जैसे ही कतरी अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत पहुंचे, पीएम मोदी ने खुद आगे बढ़कर उनका स्वागत किया और गर्मजोशी से उन्हें गले लगा लिया। एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट वेलकम दिया गया और गॉर्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। पीएम मोदी ने अमीर को भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखाई, जिसे देखकर वे बेहद खुश नजर आए। इसके बाद वे होटल के लिए रवाना हो गए।
Qatar Emir: कतरी अमीर का भारत दौरा क्यों अहम है?
कतरी अमीर का यह दौरा भारत के लिए राजनीतिक और आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंगलवार को वे राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इस दौरान व्यापार, ऊर्जा सहयोग, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
कौन हैं शेख तमीम बिन हमद अल-थानी?
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी कतर के सबसे युवा शासकों में से एक हैं। वे 2013 में कतर के अमीर बने थे और दुनिया के नौवें सबसे अमीर शासक हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 335 अरब डॉलर आंकी जाती है। वे ब्रिटेन में शिक्षित हैं और क्राउन प्रिंस बनने से पहले कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य कर चुके हैं।
उनकी खेलों में गहरी रुचि रही है। उन्होंने 2006 के एशियन गेम्स और 2022 के फीफा वर्ल्ड कप को कतर में सफलतापूर्वक आयोजित करवाया।
भारत और कतर के संबंध क्यों अहम हैं?
कतर भारत के लिए कई मायनों में एक रणनीतिक साझेदार है:
- भारतीय प्रवासी: कतर की 30 लाख की आबादी में 10 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। ये प्रवासी हर साल अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा भारत भेजते हैं।
- ऊर्जा आपूर्ति: भारत को मिलने वाली एलएनजी (LNG) और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा निर्यातक कतर है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए कतर एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है।
- कूटनीतिक सफलता: पिछले साल कतर सरकार ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई सफल कूटनीति के बाद कतरी अमीर ने नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया। इस फैसले के लिए भारत सरकार ने कतर का आभार जताया था।
क्या भारत-कतर दोस्ती को मिलेगी नई मजबूती?
इस दौरे से भारत और कतर के बीच व्यापार और रणनीतिक सहयोग को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि ऊर्जा, रक्षा, निवेश और तकनीकी क्षेत्र में नए समझौते हो सकते हैं। पीएम मोदी और शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की दोस्ती भारत-कतर संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ सकती है, जिससे दोनों देशों को आर्थिक और राजनीतिक रूप से लाभ होगा।
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