महाराष्ट्र विधानसभा: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ तब आया जब शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने घोषणा की कि उनकी पार्टी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) पद के लिए दावा पेश किया है। इसके लिए वरिष्ठ विधायक भास्कर जाधव को नामित किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा गया पत्र
इस संबंध में शिवसेना (यूबीटी) की ओर से एक आधिकारिक पत्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सौंपा गया है। उद्धव ठाकरे ने इस पर ज़ोर देते हुए कहा, “हमने विपक्ष के नेता पद पर अपना दावा पेश किया है और इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दिया गया है। हमें उम्मीद है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर फैसला 26 मार्च को समाप्त हो रहे बजट सत्र से पहले लिया जाना चाहिए।
भास्कर जाधव का राजनीतिक सफर
रत्नागिरी जिले के गुहागर से विधायक भास्कर जाधव का राजनीतिक करियर लंबा रहा है। 1990 के दशक में वे संयुक्त शिवसेना का हिस्सा थे, लेकिन बाद में वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हो गए। हालांकि, 2019 में वे फिर से शिवसेना में लौट आए।
विपक्ष के नेता पद पर रोटेशन नहीं होगा
उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि विपक्ष के नेता पद को किसी तरह के रोटेशन के तहत साझा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पद पूरी तरह शिवसेना (यूबीटी) के पास रहेगा।
गौरतलब है कि शिवसेना (यूबीटी) के पास विपक्षी दलों में सबसे अधिक 20 विधायक हैं। इसके अलावा, विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री स्तर की सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।
राकांपा (एसपी) ने रखी थी रोटेशन की मांग
विपक्षी दलों के बीच इस पद को साझा करने की मांग भी उठी है। सोमवार को राकांपा (एसपी) ने मांग की थी कि विपक्ष के नेता का पद महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीन घटकों के बीच बारी-बारी से साझा किया जाए। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने इसे खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि ये पद शिवसेना (यूबीटी) के पास ही रहेगा।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। एक ओर शिवसेना (यूबीटी) ने अपना दावा ठोक दिया है, तो दूसरी ओर राकांपा (एसपी) इसे साझा करने की मांग कर रही है। अब देखना होगा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर इस मुद्दे पर क्या फैसला लेते हैं और महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या नया मोड़ आता है।