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मुंबई एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट के साथ यात्री गिरफ्तार, पुलिस ने दर्ज की FIR

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मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन जांच के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। सोमवार, 10 मार्च को मुंबई पुलिस के ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन विभाग ने एक यात्री को गिरफ्तार किया, जिसने अपने पासपोर्ट में जन्मतिथि में हेराफेरी करवाई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एयरपोर्ट पर ऐसे पकड़ा गया यात्री
8 मार्च को इमिग्रेशन ब्यूरो में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल नीलेश भाइडकर एयरपोर्ट पर यात्रियों के पासपोर्ट और दस्तावेजों की जांच कर रहे थे। इस दौरान असगर अली नामक यात्री उनके काउंटर पर जांच के लिए पहुंचा।

जांच के दौरान कॉन्स्टेबल को असगर अली के दस्तावेजों में गड़बड़ी नजर आई। संदेह होने पर उन्होंने तुरंत इसकी सूचना विंग इंचार्ज अंशुमन बक्षराय को दी और यात्री को उनके सामने पेश किया। इसके बाद ड्यूटी ऑफिसर शशिकांत सिंह ने असगर अली से गहन पूछताछ की।

गल्फ में नौकरी के लिए करवाई थी हेराफेरी
पूछताछ के दौरान असगर अली ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसका पहला पासपोर्ट 2009 में बिहार के पटना से जारी हुआ था, जिसमें उसकी जन्मतिथि 10 जनवरी 1975 दर्ज थी। इस पासपोर्ट का इस्तेमाल कर वो 2012 से 2016 तक सऊदी अरब में नौकरी कर चुका था।

हालांकि, गल्फ देशों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को नौकरी मिलने में कठिनाई होती है। इसी कारण, असगर अली ने नया पासपोर्ट बनवाया, जिसमें जन्मतिथि 3 अप्रैल 1994 दर्ज करवाई। इस फर्जी पासपोर्ट के जरिए वो 9 मार्च को UAE जाने की योजना बना रहा था, लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया।

FIR दर्ज, पुलिस कर रही जांच
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की शिकायत के आधार पर सहार पुलिस ने असगर अली के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (4), 336 (2), 336 (3), 340 (2) और इंडियन पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया है।

अब पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में कोई और व्यक्ति शामिल था या नहीं।

ये मामला उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो नौकरी पाने या अन्य फायदे के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी करने की कोशिश करते हैं। इमिग्रेशन विभाग की कड़ी निगरानी और सख्त जांच प्रक्रिया के कारण ऐसे मामलों को पकड़ना आसान हो गया है। इसलिए कहते हैं फर्जीवाड़े से बचें, क्योंकि कानून से बचना नामुमकिन है।

क्या कहते हैं नियम?
इंडियन पासपोर्ट एक्ट के तहत गलत जानकारी देकर पासपोर्ट बनवाना एक गंभीर अपराध है, जिसमें कठोर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यात्रा करने की कोशिश करता है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और उसका पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है।

तो यदि आप विदेश यात्रा कर रहे हैं, तो अपने दस्तावेजों की वैधता सुनिश्चित करें और कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।

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