पुणे बस रेप कांड: महाराष्ट्र सरकार ने पुणे बस रेप कांड में सख्त कदम उठाते हुए MSRTC (महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम) के 4 अफसरों को निलंबित कर दिया है। मंगलवार को राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने मुंबई में चल रहे विधानसभा बजट सत्र के दौरान ये घोषणा की। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में स्वारगेट बस स्टैंड के सीनियर डिपो मैनेजर के साथ तीन अन्य अफसर भी शामिल हैं। इन पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है, जिसके चलते पुणे में बस डिपो परिसर में महिला के साथ रेप की घटना हुई।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने बताया कि 25 फरवरी को MSRTC बस में 26 वर्षीय महिला के साथ हुई इस भयावह घटना की जांच के आदेश दिए गए थे। जांच के दौरान ये पता चला कि डिपो अधिकारियों की ओर से सुरक्षा में भारी लापरवाही बरती गई थी। सरकार को मंगलवार को जांच रिपोर्ट मिली, जिसके बाद इन अफसरों को निलंबित करने का फैसला लिया गया। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में सीनियर डिपो मैनेजर जयेश पाटिल, जूनियर डिपो मैनेजर पल्लवी पाटिल, असिस्टेंट ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर सुनील येले और असिस्टेंट ट्रांसपोर्ट सुपरिटेंडेंट मोहिनी धागे शामिल हैं।
परिवहन मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि यदि भविष्य में MSRTC के किसी भी डिपो में यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद 22 सुरक्षा गार्डों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिससे जनता में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। लोगों ने स्वारगेट बस डिपो पर तोड़फोड़ कर अपना गुस्सा जाहिर किया।
पुलिस ने इस मामले में आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे (37) को गिरफ्तार कर लिया है। वो पुणे का हिस्ट्रीशीटर है। 27 फरवरी की आधी रात को पुणे जिले की शिरूर तहसील से उसे धान के खेत में छिपा पाया गया और गिरफ्तार किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच उसे पुणे सेशंस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 12 मार्च (बुधवार) तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, पुलिस ने कोर्ट से 14 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 12 मार्च तक ही मंजूरी दी।
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