महाराष्ट्र में एक नई और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत होने जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, जो हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है, के मौके पर श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट ने ‘श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी योजना’ लॉन्च करने का ऐलान किया है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली नवजात बच्चियों के भविष्य को सुरक्षित करना है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से और साथ ही ट्रस्ट की आय में हुई बढ़ोतरी के बारे में।
क्या है ‘श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी योजना’?
इस योजना के तहत महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में 8 मार्च को जन्म लेने वाली हर बच्ची के लिए उनकी मां के बैंक खाते में 10,000 रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) जमा की जाएगी। ये राशि बच्चियों के भविष्य के लिए एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता होगी। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और अब इसे राज्य सरकार के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा गया है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही इस योजना की नियम और शर्तों को सार्वजनिक किया जाएगा।
ये योजना न केवल बच्चियों के लिए आर्थिक सहायता सुनिश्चित करेगी, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर शुरू होने वाली ये पहल महिलाओं और बच्चियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
श्री सिद्धिविनायक ट्रस्ट की आय में 15% की वृद्धि
श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट की आर्थिक स्थिति भी लगातार मजबूत हो रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ट्रस्ट ने 114 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया था, लेकिन इस साल आय में 15 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है। नतीजतन, ट्रस्ट की कुल आय 133 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। ये बढ़ोतरी श्रद्धालुओं के दान, लड्डू की बिक्री और अन्य स्रोतों से प्राप्त हुई है।
नए वित्तीय वर्ष, जो 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो रहा है, में ट्रस्ट को 154 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। ये आंकड़ा ट्रस्ट की लोकप्रियता और श्रद्धालुओं के विश्वास को दर्शाता है। इस आय का उपयोग न केवल मंदिर के रखरखाव में किया जाता है, बल्कि सामाजिक कल्याण योजनाओं जैसे ‘श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी योजना’ को लागू करने में भी मदद मिलेगी।
योजना का महत्व और भविष्य
‘श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी योजना’ महाराष्ट्र में जन्म लेने वाली बच्चियों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आएगी। ये योजना न सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा देगी। सरकार की मंजूरी के बाद इस योजना के नियम और शर्तों का इंतजार सभी को है, ताकि ये जल्द से जल्द लागू हो सके।
श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट की ये पहल सामाजिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से सराहनीय है। एक तरफ ट्रस्ट की आय में वृद्धि हो रही है, तो दूसरी तरफ इस आय का उपयोग समाज के हित में किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शुरू होने वाली ये योजना बेटियों के उज्जवल भविष्य की नींव रख सकती है। अधिक जानकारी के लिए ट्रस्ट और सरकार के आधिकारिक ऐलान का इंतजार करें।
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