पहलगाम आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जो इस हमले की गंभीरता और जटिलता को दर्शाते हैं। आइए, इस ब्लॉग में हम इस हमले से जुड़ी ताजा जानकारी, जांच के नए पहलुओं और इसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
आतंकी हमले का खौफनाक मंजर
पिछले हफ्ते पहलगाम में दोपहर के समय हुए इस आतंकी हमले में चार आतंकवादी शामिल थे। जांच एजेंसियों के अनुसार, ये आतंकी अत्याधुनिक हथियारों जैसे एके-47 और एम4 राइफलों से लैस थे। घटनास्थल से बरामद कारतूस इस हमले की जांच में महत्वपूर्ण सबूत साबित हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की गहन जांच कर रही है और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।
22 घंटे की जंगल यात्रा
जांच में पता चला है कि ये आतंकी घने जंगलों से होकर 22 घंटे तक पैदल चलकर बैसरन के मैदानी इलाकों में पहुंचे थे। चार आतंकवादियों में से तीन पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि एक स्थानीय आतंकी आदिल थोकर था। इस हमले की साजिश और योजना की गहराई को समझने के लिए जांच एजेंसियां दिन-रात काम कर रही हैं।
फोटोग्राफर की बहादुरी और वीडियो सबूत
हमले के दौरान एक स्थानीय फोटोग्राफर ने अपनी जान जोखिम में डालकर पूरे घटनाक्रम का वीडियो रिकॉर्ड किया। आतंकियों से बचने के लिए वो पेड़ पर चढ़ गया था। ये वीडियो अब जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इसके अलावा, घटनास्थल पर मौजूद भारतीय सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित अन्य गवाहों के बयान भी जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आतंकियों ने छीने मोबाइल फोन
हमले के दौरान आतंकियों ने दो मोबाइल फोन छीन लिए, जिनमें से एक पर्यटक का था और दूसरा स्थानीय निवासी का। इन फोनों की बरामदगी और उनमें मौजूद जानकारी भी जांच का हिस्सा है।
विधानसभा में श्रद्धांजलि
आज, 28 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राठेर ने विशेष सत्र में निर्दोष पर्यटकों की हत्या की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “हम मारे गए लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया।”
चीन की प्रतिक्रिया
इस हमले पर चीन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार से फोन पर बातचीत की और इस हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की। वांग ने कहा कि संघर्ष न तो भारत के हित में है और न ही पाकिस्तान के, और ये क्षेत्रीय शांति के लिए भी हानिकारक है।
पहलगाम आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चुनौती है। जांच एजेंसियां इस हमले के पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने में जुटी हैं। इस घटना ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और सख्त कदम उठाने की जरूरत को रेखांकित किया है।
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