Action on Misuse of Ladki Bahin Scheme: महाराष्ट्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) ने लाखों महिलाओं के जीवन में आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाने का वादा किया था। लेकिन हाल ही में इस योजना से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसने सभी का ध्यान खींचा है। महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास विभाग ने पाया कि 2,289 सरकारी महिला कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ गलत तरीके से हासिल किया, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थीं। इस घटना ने योजना दुरुपयोग (Scheme Misuse) के मुद्दे को सामने लाया है। इस लेख में हम इस मामले को सरल और आकर्षक तरीके से समझेंगे, ताकि नई पीढ़ी के पाठक इसे आसानी से समझ सकें।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना जुलाई 2024 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता देना था। यह योजना उन महिलाओं के लिए बनाई गई थी, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं की उम्र 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए, और उनका बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। इस योजना ने महिलाओं को न केवल आर्थिक स्वतंत्रता देने का लक्ष्य रखा, बल्कि उनके स्वास्थ्य, पोषण और परिवार में उनकी भूमिका को भी मजबूत करने का वादा किया। लेकिन अब इस योजना के तहत हुए योजना दुरुपयोग (Scheme Misuse) ने इसके कार्यान्वयन पर सवाल उठाए हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि योजना के लाभार्थियों की जांच एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत जनवरी-फरवरी में हुई जांच में पाया गया कि 2,289 सरकारी महिला कर्मचारियों ने इस योजना के लिए आवेदन किया और लाभ भी लिया, जबकि योजना के नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारी इसके पात्र नहीं हैं। इन कर्मचारियों ने गलत तरीके से करीब 3 करोड़ रुपये का लाभ हासिल किया। अब सरकार इस राशि को वापस वसूल करने की योजना बना रही है। यह खुलासा तब हुआ जब सामान्य प्रशासन विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर सेवार्थ प्रणाली के माध्यम से लगभग दो लाख आवेदनों की जांच की।
यह योजना महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना से प्रेरणा लेकर बनाया गया था। इसका लक्ष्य था कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को न केवल वित्तीय सहायता मिले, बल्कि वे अपने परिवार और समाज में अधिक सशक्त भूमिका निभा सकें। इस योजना के तहत अब तक 2.38 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल चुका है, और दिसंबर 2024 तक 17,505.90 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए हैं। लेकिन इस तरह के दुरुपयोग के मामले सामने आने से सरकार को और सख्ती बरतने की जरूरत महसूस हुई है। मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) के तहत लाभ केवल उन महिलाओं को मिलना चाहिए जो वास्तव में इसके लिए पात्र हैं।
जांच प्रक्रिया में यह भी पाया गया कि कुछ महिलाओं ने योजना के नियमों में खामियों का फायदा उठाया। उदाहरण के लिए, कुछ सरकारी कर्मचारियों ने अपने परिवार की आय को कम दिखाकर या गलत जानकारी देकर इस योजना का लाभ लिया। सरकार ने अब स्पष्ट किया है कि ऐसी महिलाओं को लाभ देना बंद कर दिया गया है, और भविष्य में नियमित जांच के जरिए ऐसी गड़बड़ियों को रोका जाएगा। यह कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इस योजना पर हर साल 46,000 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह पैसा केवल जरूरतमंद महिलाओं तक ही पहुंचे।
इस योजना ने कई महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। मिसाल के तौर पर, कल्याण की एक गृहिणी अनिता साहू ने इस योजना से मिले 7,500 रुपये का उपयोग अपने बेटे की ट्यूशन फीस और आपात स्थिति के लिए बचत में किया। वहीं, कामाठीपुरा की एक पूर्व सेक्स वर्कर मनीषा ने इस राशि से अपना किराया चुकाया और अपने बेटे का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया। ये उदाहरण दिखाते हैं कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) ने कई महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने में मदद की है। लेकिन योजना दुरुपयोग (Scheme Misuse) जैसे मामले इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं।
सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर कोई महिला अन्य कल्याणकारी योजनाओं से लाभ ले रही है, तो उसकी राशि की तुलना इस योजना के 1,500 रुपये से की जाएगी। अगर दूसरी योजना में मिलने वाली राशि इससे कम है, तो बाकी राशि इस योजना के तहत दी जाएगी। लेकिन अगर दूसरी योजना में अधिक राशि मिल रही है, तो उस महिला का नाम इस योजना से हटा दिया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि ईमानदार करदाताओं का पैसा गलत लोगों तक न पहुंचे।