ESIC Hospitals: महाराष्ट्र में कामगारों के स्वास्थ्य को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत दस नए अस्पतालों के लिए जमीन आवंटन को मंजूरी दी है। इस पहल का नेतृत्व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने किया, जिन्होंने कामगारों और उनके परिवारों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस परियोजना में छत्रपति संभाजीनगर के करोडी में 15 एकड़ सरकारी जमीन पर 200 बिस्तरों वाला एक आधुनिक अस्पताल बनाने का निर्णय शामिल है। इस कदम को “ईएसआईसी अस्पताल” (ESIC Hospitals) और “कामगार स्वास्थ्य सुविधा” (Workers’ Healthcare) के रूप में जाना जा रहा है। आइए, इस कहानी को सरल और आकर्षक तरीके से समझते हैं।
छत्रपति संभाजीनगर के आसपास का क्षेत्र, जिसमें शेंद्रा, बिडकिन, डीएमआईसी, वालुज, चिकलथाना और रेलवे स्टेशन के नजदीकी इलाके शामिल हैं, हाल के वर्षों में तेजी से औद्योगिक विकास का गवाह बना है। इस विकास के साथ-साथ यहाँ कामगारों की आबादी में भी भारी वृद्धि हुई है। इन कामगारों और उनके परिवारों की बढ़ती स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए, करोडी में एक अत्याधुनिक 200 बिस्तरों वाला ईएसआईसी अस्पताल बनाया जाएगा। यह अस्पताल न केवल उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को भी समर्थन देगा। इस तरह के प्रयास “कामगार स्वास्थ्य सुविधा” (Workers’ Healthcare) को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
इस परियोजना का दायरा केवल छत्रपति संभाजीनगर तक सीमित नहीं है। मंत्रिमंडल ने नौ अन्य स्थानों पर भी ईएसआईसी अस्पतालों के लिए जमीन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। ये स्थान हैं: पुणे (बिबवेवाड़ी), अहिल्यानगर, सांगली, अमरावती, बल्लारपुर (चंद्रपुर), सिन्नर (नासिक), बारामती (पुणे), सतारा और पनवेल (रायगढ़)। इन दस स्थानों पर बनने वाले अस्पतालों से पूरे महाराष्ट्र में लगभग 48.7 लाख कामगार परिवारों को लाभ होगा, जो करीब दो करोड़ लाभार्थियों तक पहुँचेगा। यह एक ऐसी पहल है, जो कामगारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
इस महत्वपूर्ण निर्णय की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। मंत्रिमंडल की बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि इन अस्पतालों का निर्माण जल्द से जल्द शुरू हो, ताकि कामगारों को तुरंत और प्रभावी चिकित्सा सेवाएँ मिल सकें। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस परियोजना को गति देने में अहम भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से न केवल छत्रपति संभाजीनगर, बल्कि अन्य जिलों में भी इस परियोजना को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हुआ। बावनकुले ने कहा कि सरकार कामगारों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, और यह निर्णय उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।
ये नए ईएसआईसी अस्पताल (ESIC Hospitals) कामगारों के लिए एक वरदान साबित होंगे। महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले लाखों लोग, जो अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर रहते हैं, अब इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। पहले, कई कामगारों को इलाज के लिए लंबी दूरी तय करके मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी। लेकिन अब, स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होने से उनकी मुश्किलें कम होंगी।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगा। उदाहरण के लिए, छत्रपति संभाजीनगर में बनने वाला अस्पताल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगा, क्योंकि यह नौकरियाँ पैदा करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करेगा। इससे औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोग अधिक सुरक्षित और स्वस्थ महसूस करेंगे, जो उनके काम की उत्पादकता को भी बढ़ाएगा। यह “कामगार स्वास्थ्य सुविधा” (Workers’ Healthcare) के लिए एक दूरदर्शी कदम है।
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय कामगारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन अस्पतालों के निर्माण से न केवल स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ होंगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कामगारों को उनके योगदान के लिए उचित सम्मान और सुविधाएँ मिलें। यह परियोजना महाराष्ट्र के सार्वजनिक कल्याण ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।