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BMC Notice to Mithun Chakraborty: BMC ने मिथुन चक्रवर्ती को भेजा नोटिस, एरंगल गांव में अवैध ढांचे पर कार्रवाई

BMC Notice to Mithun Chakraborty: BMC ने मिथुन चक्रवर्ती को भेजा नोटिस, एरंगल गांव में अवैध ढांचे पर कार्रवाई

BMC Notice to Mithun Chakraborty: मुंबई के मालाड क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रही कार्रवाई ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। इस बार बृहन्मुंबई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation) ने बॉलीवुड अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) को मालाड के एरंगल गांव में अवैध रूप से बनाए गए भूतल निर्माण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह खबर नई पीढ़ी के लिए इसलिए खास है, क्योंकि यह शहर के पर्यावरण, नियमों और सेलिब्रिटी जीवन से जुड़े मुद्दों को सामने लाती है।

मालाड का मध क्षेत्र, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समुद्र तट के लिए जाना जाता है, हाल के वर्षों में अवैध निर्माणों का केंद्र बन गया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation) ने इस क्षेत्र में 101 अवैध निर्माणों की पहचान की है, जिनमें बंगले और अन्य संरचनाएं शामिल हैं, जो फर्जी योजनाओं के आधार पर बनाए गए हैं। इनमें से एक निर्माण मिथुन चक्रवर्ती से जुड़ा हुआ है। उनके एरंगल गांव के एक भूखंड पर बनाए गए भूतल ढांचे को अवैध घोषित किया गया है। BMC ने इसे लेकर 10 मई 2025 को नोटिस जारी किया, जिसमें मिथुन से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।

नोटिस में कहा गया है कि इस निर्माण के लिए सक्षम प्राधिकरण से कोई अनुमति नहीं ली गई। यह ढांचा हिरा देवी मंदिर के पास स्थित है, जहां BMC ने अपनी जांच के दौरान दो एक-मंजिला भवन, एक भूतल संरचना और तीन अस्थायी इकाइयों को भी अवैध पाया। इन इकाइयों में ईंट, लकड़ी, कांच और एसी शीट का इस्तेमाल हुआ है। BMC ने स्पष्ट किया कि अगर मिथुन चक्रवर्ती इस नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो यह ढांचा उनके जोखिम पर तोड़ा जाएगा, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। यह नोटिस मुंबई नगर निगम अधिनियम की धारा 351(1A) के तहत जारी किया गया है, और इसमें धारा 475A के तहत दंड और कारावास की चेतावनी भी शामिल है।

मिथुन चक्रवर्ती ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई अवैध निर्माण नहीं है, और यह नोटिस कई लोगों को भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वे इसका जवाब भेज रहे हैं। यह बयान उनके प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, जो सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। नई पीढ़ी, जो सेलिब्रिटी जीवन और शहर के विकास से जुड़े मुद्दों में रुचि रखती है, इस खबर को गौर से देख रही है।

BMC की इस कार्रवाई का मकसद मध क्षेत्र को अवैध निर्माणों से मुक्त करना है। मई 2025 के अंत तक सभी 101 अवैध ढांचों को हटाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले, मई के पहले सप्ताह में BMC ने एरंगल और वलनई क्षेत्रों में नौ बंगलों सहित 14 अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया था। इनमें एक मराठी धारावाहिक का सेट भी शामिल था, जो फर्जी तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) मानचित्रों का उपयोग करके बनाया गया था। यह कार्रवाई दर्शाती है कि BMC अवैध निर्माणों के खिलाफ कितनी सख्ती से काम कर रही है।

मध क्षेत्र का पर्यावरणीय महत्व भी इस कार्रवाई को और गंभीर बनाता है। यह क्षेत्र तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के अंतर्गत आता है, जहां निर्माण के लिए सख्त नियम हैं। अवैध निर्माण न केवल इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी को भी नुकसान पहुंचाते हैं। उदाहरण के लिए, दलदली भूमि पर बने ढांचे जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। BMC ने इसीलिए मई 2025 में अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है, ताकि मध को उसके मूल स्वरूप में लाया जा सके।

यह मामला सिर्फ एक सेलिब्रिटी से जुड़ा नहीं है। यह मुंबई जैसे महानगर में नियमों के पालन और पर्यावरण संरक्षण की बड़ी चुनौती को दर्शाता है। मध क्षेत्र में अवैध निर्माणों की संख्या पिछले एक साल में बढ़ी है, जिसने BMC को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया। मिथुन चक्रवर्ती जैसे चर्चित चेहरे का इस मामले में शामिल होना इसे और भी ध्यान आकर्षित करने वाला बनाता है। नई पीढ़ी, जो पर्यावरण और शहरी नियोजन के प्रति जागरूक है, इस खबर को एक ऐसे मुद्दे के रूप में देख रही है, जो उनके शहर के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।


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