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BMC Dengue Prevention App: बीएमसी का मच्छरों के खिलाफ अभियान, मुंबई में नया ऐप और साफ-सफाई

BMC Dengue Prevention App: बीएमसी का मच्छरों के खिलाफ अभियान, मुंबई में नया ऐप और साफ-सफाई

BMC Dengue Prevention App: मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, अपनी चमक-दमक और तेज रफ्तार जिंदगी के लिए जानी जाती है। लेकिन इस शहर को हर साल एक अदृश्य खतरे का सामना करना पड़ता है—मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां जैसे डेंगू और चिकनगुनिया। पिछले कुछ सालों में इन बीमारियों ने शहरवासियों को परेशान किया है। इस चुनौती से निपटने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कमर कस ली है। जनवरी 2024 से मई 2025 तक बीएमसी ने मच्छर प्रजनन स्थल (Mosquito Breeding Sites) की पहचान और नियंत्रण के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। साथ ही, एक नई तकनीकी पहल के तहत बीएमसी ऐप (BMC App) लॉन्च करने की तैयारी है। यह कहानी मुंबई की इस जंग और नागरिकों की भूमिका की है।

पिछले डेढ़ साल में मुंबई में मच्छरों के प्रजनन स्थलों की संख्या चौंकाने वाली रही है। बीएमसी ने जनवरी 2024 से मई 2025 तक शहर भर में 2,17,981 मच्छर प्रजनन स्थल (Mosquito Breeding Sites) खोजे। इनमें से जनवरी 2025 से 6 मई 2025 तक 25,169 स्थल विशेष रूप से एडीज मच्छरों से जुड़े थे। ये मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों के वाहक हैं। इस आंकड़े ने बीएमसी को और सतर्क कर दिया। 2024 में पूरे साल में 1,92,812 प्रजनन स्थल मिले थे, और उस दौरान मुंबई में 5,906 डेंगू के मामले दर्ज हुए। लेकिन अच्छी खबर यह है कि 1 जनवरी से 14 मई 2025 तक डेंगू के मामले घटकर सिर्फ 311 रह गए। यह बीएमसी के निरंतर प्रयासों का नतीजा है।

बीएमसी ने इस समस्या से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर कीटनाशक छिड़काव अभियान चलाया। जनवरी से मई 2025 तक 2 लाख 292 इमारतों और 27,19,895 झुग्गी-झोपड़ियों में फ्यूमिगेशन किया गया। अगर 2024 की बात करें, तो उस साल 5,90,444 इमारतों और 79,69,424 झुग्गी-झोपड़ियों में कीटनाशक छिड़काव हुआ। ये आंकड़े दिखाते हैं कि बीएमसी ने हर गली-नुक्कड़ तक पहुंचने की कोशिश की है। लेकिन मच्छरों से जंग केवल सरकारी प्रयासों से नहीं जीती जा सकती। इसके लिए नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी है। यही वजह है कि बीएमसी अब तकनीक और जागरूकता के सहारे इस लड़ाई को और मजबूत कर रही है।

मुंबईवासियों को मच्छरों से बचाने के लिए बीएमसी जल्द ही एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च करने जा रही है, जिसका नाम है “भग मॉस्किटो भग”। यह बीएमसी ऐप (BMC App) लोगों को मच्छरों से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करेगा। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी संस्थानों में इस ऐप के जरिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इस ऐप का मकसद है कि लोग अपने आसपास मच्छरों के प्रजनन स्थलों को पहचानें और उन्हें नष्ट करें। उदाहरण के लिए, अगर आपके घर में पुराने टायर, टिन के डिब्बे, या फूलों के गमलों में पानी जमा है, तो ये मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन सकते हैं। ऐप लोगों को बताएगा कि ऐसी जगहों को कैसे साफ रखा जाए।

बीएमसी ने पहले भी 2022 में “मुंबई अगेंस्ट डेंगू” नाम का एक ऐप लॉन्च किया था। इस ऐप ने लोगों को मच्छरों के प्रजनन स्थलों को पहचानने और खत्म करने में मदद की। उपयोगकर्ता इस ऐप के जरिए अपने इलाके में मलेरिया और डेंगू के मच्छरों के प्रजनन स्थलों का पता लगा सकते हैं। बीएमसी ने मुंबईवासियों से अपील की है कि वे इस ऐप को डाउनलोड करें और इसका इस्तेमाल करें। नए “भग मॉस्किटो भग” ऐप के साथ बीएमसी इस जागरूकता को और व्यापक करने की योजना बना रही है। यह ऐप न केवल तकनीकी समाधान देगा, बल्कि लोगों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित भी करेगा।

जागरूकता बढ़ाने के लिए बीएमसी ने एक अनोखा तरीका अपनाया है। मराठी, हिंदी, और अन्य फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों के साथ मिलकर छोटी-छोटी फिल्में बनाई जा रही हैं। इन फिल्मों में मशहूर हस्तियां और अभिनेता लोगों से मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने की अपील कर रहे हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया, टीवी, और सार्वजनिक स्थानों पर दिखाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक वीडियो में एक अभिनेता यह बता सकता है कि हर हफ्ते एक “ड्राई डे” मनाकर पानी के बर्तनों को साफ करना कितना जरूरी है। इस तरह की रचनात्मक पहल युवाओं और नई पीढ़ी को खास तौर पर आकर्षित कर रही है।

मच्छरों से बचाव के लिए बीएमसी ने कुछ आसान उपाय भी सुझाए हैं। अगर किसी को बुखार के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। घर और आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। टिन, टायर, नारियल के खोल, या फूलों के गमलों में पानी जमा न होने दें। हर हफ्ते एक दिन “ड्राई डे” मनाएं, जिसमें सभी पानी के बर्तनों को खाली कर साफ करें। फूलों के गमलों का पानी नियमित रूप से बदलें। रात में सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। ये छोटे-छोटे कदम न केवल डेंगू, बल्कि मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को भी रोक सकते हैं।

मुंबई जैसे घनी आबादी वाले शहर में मच्छरों का खतरा हमेशा बना रहता है। खासकर मानसून के मौसम में, जब बारिश का पानी जगह-जगह जमा हो जाता है, मच्छरों के प्रजनन स्थल बढ़ जाते हैं। बीएमसी का यह अभियान मानसून से पहले शहर को तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पिछले साल की तुलना में डेंगू के मामलों में कमी आई है, लेकिन चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है। बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि अगर हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाए, तो मुंबई को मच्छरों से होने वाली बीमारियों से पूरी तरह मुक्त किया जा सकता है।

इस अभियान में तकनीक का इस्तेमाल एक गेम-चेंजर साबित हो रहा है। “भग मॉस्किटो भग” जैसे बीएमसी ऐप (BMC App) नई पीढ़ी को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। आज के युवा स्मार्टफोन और ऐप्स के जरिए हर काम करते हैं, और बीएमसी इस आदत का फायदा उठा रही है। ऐप के जरिए लोग न केवल जागरूक होंगे, बल्कि वे अपने इलाके की समस्याओं को सीधे बीएमसी तक पहुंचा सकेंगे। यह एक तरह से नागरिकों और प्रशासन के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास है।

मुंबई में डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ यह जंग कोई नई बात नहीं है। हर साल बीएमसी इस दिशा में काम करती है, लेकिन इस बार का अभियान कुछ खास है। मच्छर प्रजनन स्थल (Mosquito Breeding Sites) की पहचान से लेकर जागरूकता अभियानों तक, बीएमसी ने हर स्तर पर काम किया है। मशहूर हस्तियों की मदद से बनाए गए वीडियो और नए ऐप्स इस अभियान को और प्रभावी बना रहे हैं। यह एक ऐसी कहानी है जिसमें हर मुंबईवासी की भूमिका अहम है। चाहे वह घर की साफ-सफाई हो या ऐप के जरिए जागरूकता फैलाना, हर छोटा कदम इस जंग को जीतने में मदद करेगा।

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