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Anti-Aging Experiments: बेटे का खून लेकर अमर बनने की कोशिश, अब भारत क्यों आ रहे हैं ब्रायन जॉनसन?

Anti-Aging Experiments: बेटे का खून लेकर अमर बनने की कोशिश, अब भारत क्यों आ रहे हैं ब्रायन जॉनसन?
Anti-Aging Experiments: ब्रायन जॉनसन, 45 वर्षीय टेक उद्यमी, अपने अनूठे उम्र-विरोधी (anti-aging) प्रयोगों और “ब्लूप्रिंट” परियोजना के कारण दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। हर साल करोड़ों डॉलर खर्च कर, वह इंसानी उम्र को रोकने और स्वास्थ्य को नया आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं। उनका भारत दौरा इस दिशा में एक और कदम है।

भारत दौरे की चर्चा: कब, कहाँ और क्यों?

ब्रायन जॉनसन 1-3 दिसंबर तक मुंबई और 4-6 दिसंबर तक बेंगलुरु का दौरा करेंगे। उनकी यह यात्रा उनकी किताब और “डोंट डाई” कम्युनिटी को प्रमोट करने का हिस्सा है। सोशल मीडिया पर उनके द्वारा किए गए पोस्ट, जिसमें उन्होंने लिखा, “हैलो इंडिया, मुझे बताया गया है कि ‘डोंट डाई’ पर केवल पूनम पांडे विश्वास करती हैं। हम इसे बदलने वाले हैं,” ने काफी ध्यान खींचा।

उनके दौरे का उद्देश्य भारत में उम्र-विरोधी (anti-aging) जीवनशैली और दीर्घायु पर नई बहस छेड़ना है।

उम्र-विरोधी जीवनशैली और प्रयोग: क्या हैं उनकी रणनीतियाँ?

ब्रायन जॉनसन का दावा है कि उनकी उम्र बढ़ने की गति 20 वर्षीय युवा की तुलना में 99% धीमी है। इसके पीछे है उनकी सख्त दिनचर्या, जिसमें शामिल हैं:

  1. विशेष डाइट और सप्लीमेंट्स:
    • रोजाना 1,950 कैलोरी की डाइट।
    • 100 से अधिक सप्लीमेंट्स।
  2. कठोर समय प्रबंधन:
    • सुबह 4:30 बजे उठना।
    • नियमित व्यायाम और जीन थैरेपी।
  3. पारिवारिक ब्लड ट्रांसफर:
    उन्होंने अपने बेटे का ब्लड लेकर इसे खुद पर ट्रांसफर किया, ताकि शरीर को युवा बनाए रखा जा सके।
  4. विवादास्पद प्रयोग:
    हाल ही में उन्होंने ‘प्रोजेक्ट बेबी फेस’ के तहत युवा दिखने के लिए अपने चेहरे में फैट इंजेक्शन करवाया। हालांकि, यह प्रयोग असफल रहा और उनके चेहरे में सूजन आ गई।

पेशेवर सफर: टेक्नोलॉजी से दीर्घायु तक का सफर

ब्रायन जॉनसन ने 2007 में ब्रेनट्री नामक कंपनी की स्थापना की, जिसने 2013 में PayPal को $800 मिलियन में बेची। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य तकनीक और उम्र-विरोधी (anti-aging) तकनीकों में निवेश किया।

उनकी “ब्लूप्रिंट” परियोजना, मस्तिष्क गतिविधियों को ट्रैक करने वाली तकनीकें, और अल्जाइमर व स्ट्रोक के इलाज के लिए उपकरण उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।

भारत यात्रा और नई बहस

भारत में उनकी यात्रा ने उम्र बढ़ने की प्रक्रियाओं और दीर्घायु के उपायों को लेकर नए सवाल खड़े किए हैं। हालांकि चिकित्सा जगत में उनके प्रयोगों को व्यापक स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन उनके अनुभव और जीवनशैली ने स्वास्थ्य में रुचि रखने वाले बड़े वर्ग को आकर्षित किया है।

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