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Dunki Review: उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती Shahrukh Khan की ‘डंकी’, दमदार अभिनय के बावजूद फीका है राजकुमार हिरानी का जादू

Dunki Review
Dunki Review (photo Credits: Web)

Dunki Review: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान के लिए 2023 भले ही धमाकेदार रहा हो, लेकिन अब लगता है इसका अंत थोड़ा निराशाजनक हो सकता है. उनकी पिछली फ़िल्में पठान (Pathaan) और जवान (Jawan) ने बॉक्स ऑफिस पर गजब की कमाई की थी. दर्शकों को उम्मीद है कि शाहरुख़ खान ‘डंकी’ (Dunki) के ज़रिये ब्लॉकबस्टर फ़िल्में देने में हक्ट्रिक मार सकते हैं. आज ‘डंकी’ (Dunki) सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है.

 

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अब यह तो वक्त ही बताएगा कि ‘डंकी’ (Dunki) बॉक्स ऑफिस पर हिट होती है या फ्लॉप. फिल्म में शाहरुख़ के अलावा तापसी पन्नू, बोमन ईरानी, विक्रम कोचर और अनिल ग्रोवर मुख्य भूमिकाओं में हैं. विक्की कौशल ने फिल्म में कैमिया किया है.

कहानी 
फिल्म की कहानी शुरू होती है इंग्लैंड से, हॉस्पिटल के एक बेड पर लेटी बीमार तापसी बूढी हो चुकी हैं, लेकिन वो अस्पताल से भाग जाती हैं, और सीधा वीजा लॉयर के पास पहुँचती हैं, उन्हें भारत लौटना है, लेकिन वे भारत लौट नहीं सकतीं. क्यों? इसी पर पूरी फिल्म बेस्ड है. फिल्म 25 साल पीछे 1995 से शुरू होती है जहां पंजाब का एक गांव लाल्टू है, जिसमें रहती है मन्नू, बुग्गु और बल्ली, हालातों के मारे ये सभी लन्दन जाने का सपना देखते हैं. इस दौरान ठगी का शिकार भी बनते हैं, लेकिन लन्दन जाने का उनका सपना अभी भी बरक़रार है.

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इसी बीच एंट्री होती है हरदयाल सिंह ढिल्लों उर्फ़ हार्डी की. जो लाल्टू आता है उस इंसान से मिलने जिसने उनकी जान बचाई थी. उसकी मुलाकात होती है मन्नू से जो लन्दन जाने के लिए कुश्ती सीखना चाहती है ताकि स्पोर्ट्स कोटे में उसे वीजा मिल जाए. हार्डी की जान जिस इंसान ने बचाई थी वो मन्नू का भाई रहता है जिसकी कुछ समय पहले ही एक्सीडेंट से मौत हो जाती है. अब हार्डी कसम खाता है कि वो मन्नू को लन्दन ज़रूर ले जायेगा.

हार्डी, मन्नू, बुग्गु और बल्ली इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स में दाखिला लेते हैं, यहां एंट्री होती है बोमन इरानी उर्फ़ गुलाटी और विक्की कौशल उर्फ़ सुखी की. विक्की की एंट्री फिल्म का अहम हिस्सा है. सबकी अंग्रेजी भाषा इतनी कमजोर रहती है कि सिर्फ बल्ली ही लक के साथ IELTS  की परीक्षा पास कर पाता है बाकी सब फेल हो जाते हैं.

बल्ली के लंदन जाने के बाद  फिल्म थोड़ा टर्न लेती है. कुछ ऐसी घटनाएं घटती है जिसकी वजह से हार्डी, मन्नू, बुग्गु और बल्ली लन्दन जाने के लिए सबसे मुश्किल सफ़र पर निकल पड़ते हैं. इस सफ़र का नाम है ‘डंकी’. अब वे ऐसा कदम क्यों उठाते हैं, लन्दन कैसे पहुँचते हैं, वहां किन हालातों का सामना करना पड़ता है और अब मन्नू लन्दन से भारत वापस क्यों आना चाहती है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

रिव्यू: फिल्म उन इमिग्रेंट्स की इमोशनल गाथा बयां करती है, जिन्हें मज़बूरी में अपना घर, अपना देश छोड़कर किसी अन्य देश में जाना पड़ता है. गरीबी और कम शिक्षा की वजह से इन्हें वीजा नहीं मिलता. अब इनके पास बस एक ही तरीका होता है वो है गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस करना. इस दौरान उन्हें जान भी गंवानी पड़ जाती है. और जैसे-तैसे वे किसी देश पहुंच भी जाएँ तो वहां उनके हालत और भी ज्यादा बत्तर होते हैं.

राजकुमार हिरानी ने इसी मुद्दे को ‘डंकी’ फिल्म के ज़रिये उठाने की कोशिश की है. फिल्म में शाहरुख़ खान ने दमदार अभिनय किया है. खासकर सेकंड हाफ में उनकी परफॉर्मेंस देखने लायक है. तापसी पन्नू अपने अभिनय में और शेड्स ला सकती थीं, जिसकी कमी नज़र आई.
बाकी कलाकारों ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है. बोमन ईरानी के किरदार को और अच्छी तरह से गढ़ा जा सकता था. फिल्म की जान हैं विक्की कौशल. भले ही उन्हें कम स्क्रीन मिली है, लेकिन उन्होंने अपने अभिनय से फिल्म में जान भर दी है.

Dunki Review

Dunki Poster (Photo Credits: Instagram)

राजकुमार हिरानी अपनी फिल्मों में स्ट्रोंग मेसेज के साथ इमोशन और ड्रामा भी गजब का क्रिएट करते हैं. उनकी फ़िल्में दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है. इसलिए उनकी फिल्मों से उम्मीदें भी ज्यादा होती हैं. ‘मुन्ना भाई MBBS’ हो या ‘3 इडियट्स’ या फिर उनकी आखिरी रिलीज़ फिल्म ‘संजू’. इन फिल्मों ने अपने दमदार कहानी के साथ-साथ बेहतरीन सोशल मैसेज और स्टारकास्ट की धुंआधार परफॉर्मेंस के चलते बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़े हैं. राजकुमार हिरानी का जादू उनकी फिल्मों में बखूबी नज़र आता है, लेकिन उनका यह मैजिक ‘डंकी’ में कुछ फीका सा लगता है.

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फिल्म ‘3 इडियट्स’ और ‘वीर ज़ारा’ का मिश्रण लगती है. शाहरुख़ और तापसी की केमिस्ट्री स्क्रीन पर उतनी स्ट्रोंग नज़र नहीं आती. फिल्म थोड़ी फ्लैट और प्रिडिक्टेबल लगती है. लीग से हटकर फ़िल्में बनाने वाले राजकुमार हिरानी ने मुद्दा तो अच्छा चुना है, लेकिन इसे अच्छे से भुना नहीं पाए.

तो अगर आप शाहरुख़ खान के जबरा फैन हैं तो उनके अभिनय के लिए इस फिल्म को देख सकते हैं.

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