क्या आप भी हैं परेशान पुराने परीक्षा पैटर्न से? तो अब आपकी परेशानी दूर हो सकती है! क्योंकि महाराष्ट्र में तीसरी से लेकर बारहवीं तक के बच्चों के लिए परीक्षा का पैटर्न बदलने की तैयारी चल रही है। और सबसे अच्छी बात ये है कि ये बदलाव आपकी ही राय के मुताबिक होंगे।
कैसे बदलाव की उम्मीद?
नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव की संभावना है। अब आपको साल में दो बार परीक्षा देने का मौका मिल सकता है और दोनों में से जो रिजल्ट अच्छा हो, वो आप रख सकते हैं। इसके अलावा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में भी बदलाव होंगे ताकि आपकी असली काबिलियत की परख हो सके, सिर्फ रट्टू तोते की नहीं।
आपकी राय है बहुत ज़रूरी
राज्य शैक्षणिक शोध व प्रशिक्षण परिषद ने तीसरी से बारहवीं तक के नए पाठ्यक्रम का एक प्रारूप तैयार किया है। ये प्रारूप उनकी वेबसाइट पर मौजूद है। 3 जून तक आप इस पर अपनी राय दे सकते हैं। आप गूगल फॉर्म भरकर या फिर पोस्ट के जरिए भी अपनी राय बता सकते हैं।
नया पाठ्यक्रम कैसा होगा?
8 से 11 साल के बच्चों को दो भाषाओं के साथ गणित, कला, खेल-कूद और दूसरे हुनर सिखाए जाएंगे।
11 से 14 साल के बच्चों को तीन भाषाओं के साथ-साथ गणित, विज्ञान, समाजशास्त्र जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे।
14 से 18 साल के बच्चों को भी तीन भाषाएं पढ़नी होंगी, जिनमें से दो भारतीय भाषाएं होंगी और एक विदेशी भाषा।
11वीं और 12वीं में आपको साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स जैसी स्ट्रीम नहीं चुननी पड़ेगी। आप अपनी पसंद के सब्जेक्ट्स चुन सकेंगे।
तो देर किस बात की है? जल्दी से अपनी राय दें और शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का हिस्सा बनें।
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