प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच चुके हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और रूस के प्रथम डिप्टी पीएम डेनिस मंटुरोव ने उनका स्वागत किया। मंटुरोव ने पीएम मोदी को अपनी कार में बिठाकर होटल तक ले गए, जो एक विशेष सम्मान है। यह सम्मान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी नहीं मिला था जब वे मॉस्को पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए छोटे नेता ही आए थे।
भारतीय समुदाय से मुलाकात
मॉस्को में पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी ने वहां रहने वाले भारतीयों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों से हाथ मिलाया और बच्चों ने तिरंगा लहराकर उनका स्वागत किया। वहां के रशियन आर्टिस्ट ने हिंदी गाने पर नृत्य भी किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर अपडेट दिया, “मॉस्को में लैंड किया। हमारे देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने को उत्सुक हूं। खासकर आपसी सहयोग के क्षेत्रों में। हमारे देशों के बीच मजबूत संबंधों से हमारे लोगों को बहुत फायदा होगा।”
PM @narendramodi arrived to a ceremonial welcome in Moscow, Russia. He would be meeting President Putin and taking part in other programmes. pic.twitter.com/ulERkE36vS
— PMO India (@PMOIndia) July 8, 2024
भारत-रूस 22वां वार्षिक शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री मोदी रूस और ऑस्ट्रिया की तीन दिवसीय यात्रा पर गए हैं। मॉस्को में वे भारत-रूस 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी व्यक्तिगत मुलाकात होगी और राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में रात्रिभोज भी देंगे। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। बाद में पुतिन और मोदी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी। इसके बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रिया रवाना हो जाएंगे।
मोदी-पुतिन के बीच 17वीं मुलाकात
पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह 17वीं मुलाकात है। उनकी आखिरी मुलाकात सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। इसके बाद पुतिन 2021 में दिल्ली आए थे। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह दोनों की पहली मुलाकात है। भारत और रूस पारंपरिक रूप से दोस्त हैं और दोनों देशों के संबंध सात दशक पुराने हैं। चीन की रूस से नज़दीकी के बावजूद दोनों देशों के बीच खटास नहीं आई, बल्कि संबंध और मजबूत हुए हैं। इसका कारण भारत का अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर बढ़ता क़द है। यूक्रेन युद्ध को लेकर भी भारत ने एक अलग स्टैंड लिया। बिना युद्ध के समर्थन के, पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि शांति का समय है।
ये भी पढ़ें: 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया यात्रा: जानें क्यों है ये खास