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मुंबई की लोकल ट्रेनों में लगे हाई-टेक कैमरे: सुरक्षा और निगरानी में बड़ा सुधार

मुंबई की लोकल ट्रेनों में लगे हाई-टेक कैमरे: सुरक्षा और निगरानी में बड़ा सुधार

मुंबई की धड़कन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में एक बड़ा बदलाव आया है। पश्चिम रेलवे ने अपनी 61 लोकल ट्रेनों के ड्राइवर केबिन में उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए हैं। ये कैमरे दिन-रात की दृष्टि क्षमता के साथ-साथ 2 मेगापिक्सल की उच्च रिज़ॉल्यूशन से लैस हैं। आइए जानते हैं कि यह कदम क्यों उठाया गया और इससे यात्रियों को क्या फायदा होगा।

कैमरों का महत्व और उद्देश्य

इन कैमरों को लगाने का मुख्य उद्देश्य है ट्रेन चालक दल की गतिविधियों पर नज़र रखना और किसी भी असामान्य घटना की जांच में मदद करना। पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये कैमरे न केवल वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं, बल्कि उस फुटेज को स्टोर भी कर सकते हैं। यह सुविधा ट्रैक पर होने वाली किसी भी तकनीकी खराबी या अजीब घटना की जांच में बेहद मददगार साबित होगी।

कैमरों की स्थापना और कार्यप्रणाली

हर ट्रेन के ड्राइवर केबिन में तीन कैमरे लगाए गए हैं। एक कैमरा केबिन के सामने की ओर लगाया गया है, जो ट्रैक, रेल लाइनों, तकनीकी खराबियों और ऊपरी उपकरणों को रिकॉर्ड करता है। बाकी दो कैमरे केबिन के अंदर लगाए गए हैं, जो मोटरमैन और गार्ड सहित पूरे चालक दल की गतिविधियों पर नज़र रखते हैं। यह व्यापक निगरानी प्रणाली परिचालन सुरक्षा और जवाबदेही में सुधार लाने का लक्ष्य रखती है।

भविष्य की योजनाएं और लाभ

पश्चिम रेलवे के पास कुल 224 लोकल ट्रेन केबिन हैं, जिनमें से अभी 61 में ही ये कैमरे लगाए गए हैं। बाकी ट्रेनों में भी जल्द ही ये कैमरे लगाए जाएंगे। इस काम को रेल मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था ‘सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स’ (CRIS) द्वारा किया जाएगा। इन कैमरों से न केवल रोजमर्रा की निगरानी में मदद मिलेगी, बल्कि किसी बड़ी दुर्घटना जैसे टक्कर या पटरी से उतरने की स्थिति में भी ये बेहद उपयोगी साबित होंगे। रिकॉर्ड किया गया फुटेज अधिकारियों को घटना के कारणों को समझने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।

इस पहल की शुरुआत जनवरी 2024 में वसई में हुई एक दुर्घटना के बाद की गई थी, जिसमें सिग्नलिंग विभाग के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गठित पांच सदस्यीय समिति ने लोकल ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की सिफारिश की थी। यह कदम न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि रेलवे के कर्मचारियों के लिए भी एक सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करेगा।

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