Hit Formula in Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनावों में अप्रत्याशित सफलता हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब महाराष्ट्र और झारखंड के आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट चुकी है। पार्टी की रणनीति इस बार अपने कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की है, जिससे नए और युवा चेहरे पार्टी में जगह बना सकें। हरियाणा में हिट हुआ फॉर्मूला (Hit Formula in Haryana) अब महाराष्ट्र और झारखंड में भी लागू किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में BJP की बड़ी योजना
महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में है, और आगामी विधानसभा चुनावों में भी पार्टी एक बार फिर से सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, लगभग 30% मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। इसका मुख्य कारण सत्ता विरोधी लहर और स्थानीय स्तर पर पार्टी विधायकों के प्रति नाराजगी है। महाराष्ट्र में 30% विधायकों के टिकट काटने की योजना (Plan to Cut 30% MLA Tickets in Maharashtra) का मकसद नए और प्रभावशाली चेहरों को आगे लाना है, जिससे भाजपा की जीत की संभावना बढ़ सके।
पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में महाराष्ट्र के लिए उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया का पहला दौर पूरा किया है, जिसमें हर सीट के लिए संभावित नामों की सूची तैयार की गई है। अब केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस प्रक्रिया में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेता भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। हरियाणा में हिट हुआ फॉर्मूला महाराष्ट्र में भी प्रभावी साबित हो सकता है, जिसमें कई विधायकों के टिकट काटने के बाद नई रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरना शामिल है।
झारखंड में सत्ता छीनने की तैयारी
झारखंड में भाजपा विपक्ष में है, और इस बार पार्टी सत्ता में वापसी की पूरी कोशिश कर रही है। यहां पार्टी लगभग 25% विधायकों के टिकट काटने की तैयारी में है। हरियाणा की तर्ज पर, झारखंड में भी पार्टी नए चेहरों को आगे लाने का प्रयास कर रही है ताकि सत्ता विरोधी लहर का सामना किया जा सके और युवा मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके। झारखंड में भाजपा की मुख्य रणनीति अपने परंपरागत वोट बैंक को बनाए रखने के साथ ही, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्गों के बीच अपने समर्थन को और मजबूत करने की है।
झारखंड में 25% विधायकों के टिकट कट सकते हैं (Plan to Cut 25% MLA Tickets in Jharkhand) इस बार भाजपा के लिए सत्ता में वापसी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पहले दौर की चर्चा के बाद उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार हो चुकी है, और अंतिम चयन के लिए केंद्रीय चुनाव समिति में भेजी जाएगी।
नई रणनीति और चुनौतियां
महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन के सत्ता में होने के कारण कई जगह सत्ता विरोधी माहौल है, जिससे पार्टी के सामने कुछ चुनौतियां आ सकती हैं। खासकर मराठा आरक्षण आंदोलन पार्टी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। जहां एक ओर मराठा समुदाय का समर्थन जुटाना भाजपा के लिए जरूरी है, वहीं इस आंदोलन ने कई सीटों पर भाजपा को नुकसान पहुंचाया है।
दूसरी ओर, झारखंड में आदिवासी समुदाय का समर्थन हासिल करना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन पार्टी की नई रणनीति और संगठनात्मक बदलावों के साथ वह सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है।
हरियाणा में भाजपा ने टिकट काटने की रणनीति अपनाई थी, जो सफल साबित हुई। अब महाराष्ट्र और झारखंड में भी हरियाणा में हिट हुआ फॉर्मूला दोहराया जा सकता है, जिससे पार्टी को बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है।
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