आम आदमी की आवाज़ को ताकत, अन्याय से लड़ने का अटूट साहस – ये है मुंबई ग्राहक पंचायत की पहचान! पिछले 50 सालों से उपभोक्ता अधिकारों की अग्रणी संस्था, मुंबई ग्राहक पंचायत ने अनोखे तरीकों से बाज़ार में निष्पक्षता और उपभोक्ता जागरूकता की मशाल जलाई है।
1975 में स्थापित, मुंबई ग्राहक पंचायत एशिया की सबसे बड़ी स्वैच्छिक उपभोक्ता संस्था बन गई है। महाराष्ट्र में 30,000 से अधिक सदस्यों के साथ, यह संगठन उपभोक्ताओं के लिए शिक्षा, न्याय और सशक्तिकरण के लिए काम करता है। मुंबई ग्राहक पंचायत अपनी अनोखी “ग्राहक संघ” प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुनिश्चित करता है।
ग्राहक पंचायत का मॉडल सिर्फ शिकायत निवारण तक सीमित नहीं है। यह संस्था बड़े स्तर पर कानूनी लड़ाइयों के जरिए उपभोक्ताओं के सामूहिक हितों के लिए आवाज उठाती है। उन्होंने कई ऐतिहासिक मामलों में उपभोक्ताओं को न्याय दिलाया है। साथ ही, सरकार के महत्वपूर्ण निकायों में उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए, यह सुनिश्चित किया जाता है कि नीतियां जनता के हित में बनें।
उपभोक्ता को सशक्त बनाने के लिए मुंबई ग्राहक पंचायत शिकायत मार्गदर्शन केंद्र भी चलाती है। यहां आम उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों को दर्ज करने और उन्हें हल करने के लिए सही जानकारी और मदद दी जाती है। पंचायत का “महारेरा सुलह मंच” बिल्डरों और घर खरीदारों के बीच विवादों का त्वरित निपटारा करता है, जो कोर्ट के लंबे चक्करों से उपभोक्ताओं को राहत देता है।
मुंबई ग्राहक पंचायत का काम सिर्फ भारत ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। उनकी कार्यशैली दुनिया भर में उपभोक्ता आंदोलनों के लिए प्रेरणा बन चुकी है। संयुक्त राष्ट्र के उपभोक्ता संरक्षण दिशानिर्देशों को बनाने में भी इस संस्था की बड़ी भूमिका है।
स्कूलों में उपभोक्ता क्लब, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम, और दूरदर्शन पर “जागो ग्राहक” सीरीज यह सब उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के अनूठे प्रयास हैं। साल भर चलने वाला “कंज्यूमर प्लाजा” आम उपभोक्ताओं और छोटे उत्पादकों को सीधे जोड़ता है। “सेतु बंध रे” जैसे उपक्रम सामाजिक रूप से वंचित समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को उचित बाजार मुहैया कराते हैं।