Mumbai News: महाराष्ट्र सरकार ने आतंकी हमलों में मारे गए कर्मचारियों के वारिसों के लिए एक बहुत ही सराहनीय फैसला लिया है, जिसे जानकर हर किसी को खुशी मिल रही है. दरअसल उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा क्षेत्र के उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वारिसों को, या यूं कह सकते हैं कि उनके उत्तराधिकारी बच्चे को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है. ये वो कर्मचारी होंगे जिन्होंने आतंकवादियों, लुटेरों व नक्सलियों के हमले में अपनी जान गंवाई हों. या फिर जो इन हमलों की वजह से शारीरिक रूप से विकलांक हो गए हों.
गौरतलब है कि वर्तमान में उन कर्मचारियों के वारिसों को अनुकंपा पर नौकरी देने की नीति है, जिनकी सरकारी सेवा में काम करने के दौरान किसी वजह से मृत्यु हो गई हो. जेनरल पॉलिसी ये है कि ग्रुप सी और ग्रुप डी कैडर में डैरेक्ट सर्विस कोटा में एनुअल वैकेनसीज का 20 फीसदी अनुकंपा के आधार पर भरा जाना चाहिए. 1 जनवरी 2020 से ये नीति राज्य सरकार की सेवा के अधिकारियों पर भी लागू कर दी गई है. (Mumbai News)
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जानकारी हो कि इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने समय-समय पर आदेश जारी किए हैं. अनुकंपा नियुक्ति की ये सामान्य नीति सिर्फ उच्च शिक्षा के अधिकारियों और कर्मचारियों पर ही लागू नहीं होती है, बल्कि अब सरकारी, गैर कृषि विश्वविद्यालयों, निजी सहायता प्राप्त कॉलेजों, तकनीकी शिक्षा निदेशालय, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय-लोनेरे और सीओईपी यूनिवर्सिटी पर भी लागू होती है. तो वहीं यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी, प्रौद्योगिकी विभाग, लक्ष्मीनारायण अभिनव विश्वविद्यालय और सहायता प्राप्त डीम्ड विश्वविद्यालयों में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ग्रुप ए से ग्रुप डी के पदों के लिए एक अलग अनुकंपा नीती की घोषणा महाराष्ट्र सरकार की ओर से की गई है.
किनको मिलेगा फायदा? (Mumbai News)
आतंकवादियों, नक्सलियों, लुटेरों के हमलों और असमाजिक तत्वों में मारे गए या फिर स्थाई रूप से विकलांग हुए कर्मचारियों और अधिकारियों के वारिसों को अनुकंपा के आधार पर उच्च शिक्षा क्षेत्र में नियुक्तियां देने का निर्णय लिया गया है.