कर्नाटक के हासन से जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चल रहे सेक्स स्कैंडल मामले में नया मोड़ आया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने 9 मई को बयान दिया कि किसी भी पीड़ित ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
आयोग के अनुसार, जो महिला शिकायत करने के लिए आयोग के पास पहुंची थी, उसने बताया कि उसे जबरन शिकायत करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा, NCW ने यह भी बताया कि जिन 700 महिलाओं ने ऑनलाइन शिकायत की, वे एक सोशल एक्टिविस्ट ग्रुप से जुड़ी हुई हैं और उनका न तो केस से और न ही प्राथमिक शिकायतों से सीधा संबंध है।
इस मामले में यौन शोषण की शिकायत के आधार पर जो दो केस रजिस्टर हुए हैं, उनमें से एक पीड़ित के रिश्तेदार की तरफ से अपहरण के लिए एक अतिरिक्त शिकायत भी दर्ज की गई है। हालांकि, इस मामले में कोई भी पीड़ित आयोग में शिकायत दर्ज कराने के लिए नहीं आया है।
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उनकी पूर्व हाउसमेड ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी, जिसके बाद प्रज्वल के करीब 200 से ज्यादा वीडियो सामने आए थे। इन वीडियो में महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगा रही थीं और प्रज्वल वीडियो शूट कर रहे थे। इन आरोपों के बाद प्रज्वल को जनता दल (सेक्युलर) से सस्पेंड कर दिया गया था।
इस मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने एक महिला के अपहरण के मामले में चार और लोगों को हिरासत में लिया है, और प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
इस घटनाक्रम ने समाज में व्यापक चर्चा और चिंता को जन्म दिया है, और यह दिखाता है कि यौन शोषण के मामलों में पीड़ितों के लिए न्याय पाना कितना जटिल हो सकता है। इस तरह के मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता होती है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और समाज में विश्वास बहाल हो सके।