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Jan Suraaj Party: बिहार में प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान- शराबबंदी खत्म करने का वादा, शिक्षा को सुधारने की योजना

Jan Suraaj Party: बिहार में प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान- शराबबंदी खत्म करने का वादा, शिक्षा को सुधारने की योजना
Jan Suraaj Party: प्रशांत किशोर ने हाल ही में अपनी सियासी पार्टी ‘जन सुराज पार्टी’ लॉन्च कर दी है, जो बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकता है। उन्होंने शराबबंदी हटाने का ऐलान कर एक बड़ी बहस छेड़ दी है, जिससे 20,000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करने की योजना है।

प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज पार्टी’ का उदय

प्रशांत किशोर, जो एक कुशल चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रसिद्ध हैं, ने जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) की घोषणा करके अपने राजनैतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी है। पटना के वेटनरी ग्राउंड में पार्टी की लॉन्चिंग का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम, उनके समर्थकों और बिहार की जनता के लिए नई उम्मीदें लेकर आया है। उन्होंने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य बिहार को उसका गौरव वापस दिलाना है।

प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी किसी विचारधारा, जैसे वामपंथ या दक्षिणपंथ पर आधारित नहीं होगी, बल्कि मानवता उनकी पार्टी का केंद्र बिंदु होगा। उनकी दृष्टि है कि बिहार एक ऐसा राज्य बने जहां अन्य राज्यों से लोग रोजगार के लिए आएं, और बिहार के विकास में योगदान दें। उनके अनुसार, बिहार गौरव वापस लाना पार्टी का मुख्य उद्देश्य रहेगा, जो कि उन्होंने बार-बार अपने भाषण में दोहराया।

शराबबंदी हटाने का वादा: 20,000 करोड़ का सवाल

प्रशांत किशोर के इस बड़े वादे ने बिहार की राजनीतिक गलियों में हलचल मचा दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो एक घंटे के भीतर शराबबंदी को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने इसका समर्थन इस तर्क से किया कि बिहार सरकार को शराबबंदी के कारण सालाना लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था और विकास के लिए इस्तेमाल हो सकता है।

उनका दावा है कि बिहार में एक विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए अगले 10 वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। उनका यह भी मानना है कि शराबबंदी हटाकर इस पैसे को सीधे शिक्षा और विकास में लगाया जा सकता है, जिससे राज्य का आर्थिक ढांचा मजबूत होगा।

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि इस पैसे का उपयोग नेताओं की सुरक्षा या किसी अन्य क्षेत्र में नहीं किया जाएगा, बल्कि इसका प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का निर्णय भले ही एक सामाजिक आंदोलन था, लेकिन इससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है, जिसे अब रोकना आवश्यक है।

जनता की आवाज़ बनेगी उम्मीदवार चयन प्रक्रिया

प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की अनोखी चुनावी प्रक्रिया का भी खुलासा किया। उनके अनुसार, पार्टी में उम्मीदवारों का चयन नेता नहीं करेंगे, बल्कि जनता करेगी। यह एक तरह का जनतांत्रिक तरीका होगा, जिसमें उम्मीदवार बनने के इच्छुक लोगों के लिए छह महीने तक मतदान प्रक्रिया चलाई जाएगी। इससे पार्टी का हर उम्मीदवार पूरी तरह से जनता के समर्थन से चुना जाएगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई जीता हुआ उम्मीदवार भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसे राइट टू रिकॉल के तहत वापस बुलाया जा सकेगा। इस कदम से पारदर्शिता और जनता की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा सकेगी। प्रशांत किशोर का मानना है कि जनता की शक्ति ही सच्ची लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बना सकती है।

प्रशांत किशोर ने पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया, जिसमें महात्मा गांधी और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें होंगी। यह उनकी पार्टी की विचारधारा को और स्पष्ट करता है कि वे सभी समाजों और विचारधाराओं को एक साथ लेकर चलने की कोशिश करेंगे।

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