Wayanad Landslide Update: केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है, जिसके कारण भयानक भूस्खलन हुआ है। इस आपदा में अब तक 150 लोगों को मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं और कई अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। भूस्खलन ने कई घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही, बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए हैं और नदियां उफान पर हैं।
इस भीषण आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। एझिमाला नौसेना अकादमी की 60 टीमें चूरलमाला पहुंच चुकी हैं, जहां लेफ्टिनेंट कमांडेंट आशीर्वाद के नेतृत्व में 45 नाविक, पांच अधिकारी, छह फायर गार्ड और एक डॉक्टर मिलकर बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इसके अलावा, सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन दल भी पूरी ताकत के साथ लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का दौरा रद्द
इस आपदा के चलते राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा रद्द करना पड़ा है। खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकारियों ने उन्हें दौरा स्थगित करने का सुझाव दिया। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी और कहा कि वे जल्द ही वायनाड का दौरा करेंगे और वहां के लोगों से मिलेंगे।
पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध
वायनाड में कयाकिंग, कोराकल बोटिंग और ट्रैकिंग जैसी सभी पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही, पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा भी सोमवार तक शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगी।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) के अनुसार, अग्निशमन और बचाव दल, नागरिक सुरक्षा, NDRF और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें इस आपदा में बचाव अभियान में लगी हुई हैं। डीएससी सेंटर कन्नूर से लगभग 200 भारतीय सेना के जवान और कोझिकोड से 122 TA बटालियन भी मौके पर मौजूद हैं। इसके साथ ही, दो वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में समन्वय कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने वायनाड और पड़ोसी जिलों में ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है। विभाग ने 31 जुलाई और 1 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। इसी के चलते, सभी शिक्षण संस्थान बुधवार, 31 जुलाई को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। कासरगोड, कन्नूर, कोझिकोड, वायनाड, मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, इडुक्की, एर्नाकुलम, अलप्पुझा और पठानमथिट्टा जिलों में भी छुट्टी की घोषणा की गई है।
वायनाड में आई इस आपदा ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। राहत और बचाव कार्य पूरी ताकत से जारी है, लेकिन मौसम की खराबी ने इसे और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। सरकार और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जितना जल्दी हो सके, लोगों को इस मुसीबत से बाहर निकाला जा सके। हम सभी को इस कठिन समय में एकजुट रहकर मदद करनी चाहिए और पीड़ितों के साथ सहानुभूति जतानी चाहिए।
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