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क्या आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से मिलेगी विकास की नई उड़ान? जानिए विशेषज्ञों की राय और आम जनता की उम्मीदें

आर्थिक सर्वेक्षण, रिपोर्ट , निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024 पेश की। यह रिपोर्ट देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालती है। आइए इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं और इसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करें।

देश की आर्थिक स्थिति: एक नजर में

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है। वित्त वर्ष 2025 के दौरान इसमें 6.5 से 7% तक की वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। यह आंकड़ा बताता है कि देश विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस प्रगति की झलक आने वाले बजट 2024-25 में भी दिखने की संभावना है।

आर्थिक सर्वेक्षण के पांच प्रमुख पहलू

  1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि: वित्त वर्ष 2024-25 में देश का GDP 6.5 से 7% के बीच रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
  2. महंगाई पर नियंत्रण: सरकार महंगाई को काबू में रखने के लिए कड़े कदम उठाएगी। इससे आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है।
  3. चालू खाता घाटे में सुधार: देश के चालू खाता घाटे में सुधार की संभावना है। यह अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
  4. बैंकिंग प्रणाली का सुदृढ़ीकरण: बैंकिंग क्षेत्र को और मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा। इससे वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी।
  5. ईंधन की कम कीमतें: LPG, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी से आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

आर्थिक सर्वेक्षण की विशेष बातें

सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024 में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 8.2% रही। यह एक उत्साहजनक आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2025 के लिए यह दर 6.5-7% के बीच रहने का अनुमान है। इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में व्यापार घाटा कम हुआ है और चालू खाता घाटा GDP का लगभग 0.7% रहा है।

महंगाई पर लगाम

महंगाई हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। वैश्विक स्तर पर युद्ध और तनाव ने महंगाई को बढ़ाया, लेकिन सरकार के प्रयासों से वित्त वर्ष 2024 में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.4% हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 6.7% थी। यह एक सकारात्मक संकेत है।

ईंधन कीमतों में राहत

सरकार ने LPG, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की है। मार्च में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई। इससे खुदरा ईंधन महंगाई दर नीचे रही, जो आम जनता के लिए राहत की बात है।

विशेष फोकस

  1. जलवायु परिवर्तन: भारत इस समस्या से निपटने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है।
  2. सेवा निर्यात: यह क्षेत्र 4.9% की वृद्धि के साथ 341 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
  3. मुद्रास्फीति दर: 2026 तक इसके 4.2% तक पहुंचने का अनुमान है।
  4. शेयर बाजार: मार्केट पूंजीकरण में वृद्धि हुई है और निजी पूंजी बाजार से 10.9 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
  5. बेरोजगारी दर: 2022-23 में यह घटकर 3.2% हो गई, जो एक अच्छा संकेत है।

विशेषज्ञों की राय

एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री नीलकंठ मिश्रा का मानना है कि आर्थिक सर्वेक्षण और बजट के बीच सीधा संबंध नहीं होता। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पूर्व अधिकारी प्राची मिश्रा का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। उनके अनुसार, इस सर्वेक्षण ने लघु और मध्यम उद्योग (MSME) क्षेत्र को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है।

आने वाले बजट से उम्मीदें

आने वाला बजट कई मायनों में महत्वपूर्ण हो सकता है। इसमें महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी बढ़ाने और MSME क्षेत्र को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। किसानों को अपनी आय दोगुनी करने में मदद मिलने की उम्मीद है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और छोटे उद्योगों को भी सरकार से अधिक सहायता की आस है।

कुल मिलाकर, आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक तस्वीर पेश करती है। हालांकि, कई चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं। आने वाला बजट इन चुनौतियों से निपटने और देश को नई आर्थिक ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन लक्ष्यों को कैसे हासिल करती है और देश की अर्थव्यवस्था को कैसे नई दिशा देती है।

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