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लोकसभा चुनाव 2024: जानिए कैसे लक्षद्वीप ने बनाया वोटिंग में नया रिकॉर्ड! बिहार रह गया पीछे?

लोकसभा चुनाव 2024: जानिए कैसे लक्षद्वीप ने बनाया वोटिंग में नया रिकॉर्ड! बिहार रह गया पीछे?

लोकसभा चुनावों के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोटिंग का प्रतिशत 68% रहा। इस दौरान, लक्षद्वीप में सबसे अधिक 83% वोटिंग दर्ज की गई, जबकि बिहार में सबसे कम, मात्र 49% वोटिंग हुई1। इस चरण में विभिन्न राज्यों में वोटिंग के आंकड़े अलग-अलग रहे।

इस चरण में वोटिंग की प्रक्रिया सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चली, जिसमें 68.29 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 2019 के मुकाबले यह आंकड़ा मात्र 1 प्रतिशत कम है, जहां पहले चरण में 91 सीटों पर 69.43% वोटिंग हुई थी।

लोकसभा चुनावों के पहले चरण में लक्षद्वीप ने वोटिंग में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस छोटे से समुद्री द्वीप समूह ने अपनी वोटिंग प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे यहां की वोटिंग दर 83% तक पहुंच गई। इसके विपरीत, बिहार में वोटिंग का प्रतिशत काफी कम रहा, जो कि मात्र 49% दर्ज किया गया।

लक्षद्वीप की उच्च वोटिंग दर इस बात का प्रमाण है कि वहां के नागरिकों में लोकतंत्र के प्रति जागरूकता और सक्रियता है। वहीं, बिहार में कम वोटिंग प्रतिशत कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि असुरक्षा, अव्यवस्था या मतदाताओं की उदासीनता।

इस चुनावी सीजन में, लक्षद्वीप के नागरिकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके एक मिसाल कायम की है, जबकि बिहार के नागरिकों को अभी भी इस दिशा में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। यह आंकड़े न केवल वोटिंग पैटर्न को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति नागरिकों की सोच और समर्थन में कितना अंतर है।

इस बार के चुनावों में बंगाल और मणिपुर में वोटिंग के दौरान हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं। इन घटनाओं ने चुनावी प्रक्रिया की शांतिपूर्ण छवि पर प्रश्नचिह्न लगाया और चुनाव आयोग सहित सभी संबंधित प्राधिकरणों के लिए चिंता का विषय बना।

इस चरण में विभिन्न राज्यों में वोटिंग के आंकड़े इस प्रकार रहे:

अरुणाचल प्रदेश65.46%
असम71.38%
बिहार47.49%
छत्तीसगढ़63.41%
जम्मू-कश्मीर65.08%
लक्षद्वीप59.02%
मध्य प्रदेश63.33%
महाराष्ट्र55.29%
मणिपुर68.62%
मेघालय70.26%
मिजोरम54.18%
नगालैंड56.77%
पुडुचेरी73.25%
राजस्थान50.95%
सिक्किम68.06%
तमिलनाडु62.19%
त्रिपुरा79.90%
उत्तर प्रदेश57.61%
उत्तराखंड53.64%
पश्चिम बंगाल77.57%2

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि विभिन्न राज्यों में मतदान की प्रक्रिया और उसके प्रतिशत में काफी भिन्नता देखने को मिली। चुनावी प्रक्रिया के दौरान हिंसा की घटनाएं निश्चित रूप से चिंताजनक हैं, और इस पर नियंत्रण और निगरानी की आवश्यकता है। चुनाव आयोग और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ेंगे ताकि भविष्य के चुनावों में ऐसी घटनाएं न हों।

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