अशोक एलुस्वामी: एलन मस्क, जो टेस्ला और SpaceX के मालिक हैं, अपने सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। हाल ही में उन्होंने अपने ‘X’ (ट्विटर) हैंडल पर भारतीय मूल के इंजीनियर अशोक एलुस्वामी की जमकर तारीफ की है। अशोक, टेस्ला की ऑटोपायलट टीम के पहले कर्मचारी हैं और उनकी मेहनत और योगदान को मस्क ने खुले दिल से सराहा है।
अशोक के बिना टेस्ला होती साधारण कार निर्माता
मस्क ने अपने पोस्ट में लिखा, “अशोक के बिना, हमारी टीम सिर्फ एक साधारण कार निर्माता होती और हम एक ऑटोनॉमी सप्लायर की अब तक खोज कर रहे होते।” मस्क का यह बयान अशोक एलुस्वामी के एक पोस्ट के रिप्लाई में आया, जिसमें अशोक ने मस्क के प्रोत्साहन के बारे में लिखा था।
प्रेरणा और प्रोत्साहन का स्त्रोत
अशोक ने लिखा था कि जब भी उन्हें किसी काम को पूरा करने में कठिनाई होती है, तब मस्क उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस पर मस्क ने जवाब में लिखा, “धन्यवाद अशोक! ये पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने टेस्ला की AI और ऑटोपायलट टीम को ज्वाइन किया था और अब ये पूरी टीम को लीड कर रहे हैं।”
नामुमकिन को मुमकिन किया
अशोक ने अपने नोट में लिखा कि 2014 में ऑटोपायलट एक छोटे से कंप्यूटर से शुरू हुआ था, जिसकी मेमोरी करीब 384 केबी थी। उन्होंने अपनी टीम से लेन कीपिंग, लेन बदलना, वाहनों के लिए लोंगिट्यूडिनल कंट्रोल और कर्वेचर जैसी चुनौतियों को पार करने के लिए कहा। टीम को ये काम नामुमकिन लगा, लेकिन अशोक ने कभी हार नहीं मानी और टीम को प्रेरित किया। साल 2015 में टेस्ला ने दुनिया का पहला ऑटोपायलट सिस्टम बनाया।
अशोक का सफर
अशोक एलुस्वामी ने 2014 में टेस्ला में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम शुरू किया था। वह टेस्ला में पहले भारतीय मूल के इंजीनियर हैं। 2019 में उन्हें ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर के डायरेक्टर के रूप में प्रमोट किया गया। अशोक की मेहनत और उनके योगदान को देखकर मस्क ने यह बयान दिया, जिससे यह साफ होता है कि टेस्ला की सफलता में उनका कितना बड़ा योगदान है।
यह पोस्ट मस्क और अशोक के बीच की साझेदारी और विश्वास को दर्शाता है, और टेस्ला की सफलता की कहानी को और भी प्रेरणादायक बनाता है।
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